सार

किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अजीबोगरीब बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की जीत नहीं है। जनता ने उन्हें वोट ही नहीं दिया। यह तो मशीन का वोट है। इतना ही नहीं उन्होंने बैलट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग कर डाली।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को सामने आ चुके है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी जनादेश को स्वीकार कर लिया है। साथ ही विधानसभा चुनाव में हार को लेकर नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। इसी कड़ी में किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अजीबोगरीब बयान दे डाला है। जब उनसे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की जीत नहीं है। जनता ने उन्हें वोट ही नहीं दिया। यह तो मशीन का वोट है। 

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने कहा कि जनता ने तो वोट दी नहीं और जो हो रहा है उसकी जानकारी नहीं है। उन्‍होंने आगे कहा कि यह तो मशीन का वोट है। साथ ही राकेश टिकैत ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग कर डाली। बता दें कि चुनाव परिणाम अनुकूल नहीं आने पर विपक्षी दल अक्‍सर इसका दोष EVM पर मढ़ देते हैं और बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करने लगते हैं। राकेश टिकैत ने भी उसी तर्ज पर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

राजनीतिक दलों ने किसानों को अपने एजेंडे में रखा 
दरअसल मीडिया से बातचीत के दौरान किसान भाकियू अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसी न किसी की तो बनेगी ही। हमारा काम आंदोलन करने का है। हमारे आंदोलन का ही असर है कि सभी राजनीतिक दलों ने किसानों को अपने एजेंडे में रखा। हमारा यही तो काम है कि पॉलिटिकल पार्टी किसान शब्‍द ही न भूल जाएं। 

भारतीय जनता पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जिला पंचायत चुनाव के बारे में बता दीजिए कि उसमें क्‍या हुआ था। जनता ने तो वोट दी नहीं और जो हो रहा है उसकी जानकारी नहीं है। यह तो मशीन का वोट है। देश में चुनाव बैलट पेपर से होना चाहिए। अखिलेश यादव भी बैलट पेपर की बात करते रहे हैं, इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।

किसान आंदोलन में भाकियू का प्रदर्शन
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्‍न किसान संगठनों ने राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के सीमावर्ती इलाकों में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। किसानों का धना-प्रदर्शन 1 साल से भी ज्‍यादा समय तक चला था। बाद में केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी थी। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन की भूमिका काफी अहम थी। राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। किसान आंदोलन को देखते हुए माना जा रहा था कि पश्चिम उत्‍तर प्रदेश में इसका असर पड़ सकता है, लेकिन प्रदेश के इस हिस्‍से में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्‍छा रहा।

2022 विधानसभा चुनाव में BJP के हिस्‍से आई 255 सीट
उत्‍तर प्रदेश चुनाव 2022 में भाजपा ने 255 सीटों पर जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सत्‍ता में वापसी की है। चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अपना दल (सोनेलाल) को 12 सीटों पर जीत मिली। मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी 111 सीटों पर विजयी रही। बहुजन समाज पार्टी को 1 तो कांग्रेस को महज 2 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। राष्‍ट्रीय लोकदल ने 8 सीटों पर जीत हासिल की।

Inside Story: राकेश टिकैत के गढ़ में बीजेपी का रहा बुरा हाल, छह में से सिर्फ दो सीट पर दर्ज की जीत