सार

9 साल पहले नागेंद्र के घर एक बकरे ने जन्म लिया। मूर्ति विसर्जन के दिन घर पैदा हुए बकरे को नागेंद्र के परिवार वालों ने माता रानी का प्रसाद माना। तब से उस बकरे को नागेंद्र का परिवार खूब लाड़ प्यार करता है।

रायबरेली : क्या आपने कभी सुना है कि बकरे का भी बर्थडे मनाया जाता है। अगर नहीं तो इस खबर को पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे। बर्थडे भी कोई मामूली नहीं, बकायदा गाने बजाने, बैंड-बाजे के साथ, मोहल्ले भर को दावत। दअरसल 9 साल पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रायबरेली (Raebareli) जिले में नागेंद्र के घर एक बकरे ने जन्म लिया। मूर्ति विसर्जन के दिन घर पैदा हुए बकरे को नागेंद्र के परिवार वालों ने माता रानी का प्रसाद माना। तब से उस बकरे को नागेंद्र का परिवार खूब लाड़ प्यार करता है। हर साल उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। घरवाले प्यार से उसे मुन्नू बुलाते हैं।

केक कटा, पार्टी हुई
रविवार को मुन्नू 9 साल का हुआ तो उसका जन्मदिन मनाया गया। पूरा मोहल्ला ही मुन्नू को लंबी उम्र की बधाई देने पहुंचा। मुन्नू लिखा हुआ वनीला फ्लेवर का केक भी काटा गया। इस दौरान बकायदा मुन्नू नाम के बकरे को बर्डे बॉय की तरह टोपी और फूल माला पहनाया गया। मेहमानों को सख्त हिदायत यह कि कोई उसे बकरा न कहे, क्योंकि उसका नाम मुन्नू है। बर्थ-डे के बाद सभी लोगों ने जमकर दावत उड़ाई, मिठाई खाई और खूब एन्जॉय किया।

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बच्चे की तरह है मुन्नू
वहीं खाना बनाने वालो का कहना है कि 3 साल से वे ही दावत का खाना बना रहे है। हर साल इसी तरह उसका बर्थ-डे मनाया जाता है। आस पड़ोस के लोग भी उसे खूब प्यार करते हैं। नागेंद्र का परिवार भी बकरे को जानवर नहीं बल्कि बच्चे की तरह प्यार करता है। परिवार के एक-एक सदस्य का लगाव उससे है। हर दिन उसे नहलाया जाता है। उसके लिए बढ़िया खाने की व्यवस्था की जाती है। नागेंद्र के परिवार के इस प्यार के चर्चे भी चारों तरफ है। जो भी इसको सुनता है, वह कहता है क्या ठाठ हैं बकरा महाराज के। 

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