सार
यूपी सहकारिता चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका है। जब सपा किसी भी शीर्ष संस्था पर काबिज नहीं हो सकी है। पीसीएफ पर यादव परिवार का लगातार कब्जा रहा है। इस बार उनका दबदबा पूरी तरह से खत्म हो गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन में लंबे समय बाद मुलायम और शिवपाल परिवार का कब्जा समाप्त हो गया है। मंगलवार को हुए चुनाव में चेयरमैन पद पर बीजेपी के वाल्मीकि त्रिपाठी और वाइस चेयरमैन के पद पर रमाशंकर जायसवाल निर्विरोध चुने गए है। इससे पहले फेडरेशन की 14 सदस्यीय कमेटी में बीजेपी के 11 सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके हैं। अभी तक शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव पिछले दस साल से पीसीएफ के चेयरमैन पद पर थे।
पहली बार सहकारिता में सपा का सूफड़ा साफ
यूपी में पहली बार ऐसा हुआ है , जब सपा का पूरी तरह से सूफड़ा साफ हो गया है। यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड, यूपी सहकारी ग्राम विकास संघ और यूपी राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड के साथ अन्य शीष सहकारी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्जा पहले ही हो चुका है।
सदस्यीय कमेटी से चुना जाता है सभापति
बता दें कि पीसीएफ की 14 सदस्यीय कमेटी में से ही अध्यक्ष यानी सभापति चुना जाता है, लेकिन शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को बीजेपी ने सदस्य बनने तक का मौका नहीं दिया है। ऐसे में अब आदित्य यादव का पीसीएफ के सभापति पद से हटना तय माना जा रहा है। 14 जून को ही सभापति का नामांकन और चुनाव होना है, जिसमें आदित्य यादव सदस्य ना होने के नाते चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
बीजेपी ने पीसीएफ में शिवपाल का तोड़ा वर्चस्व, बेटे आदित्य की कुर्सी को लेकर मंडराया खतरा
शिवपाल यादव अपने दम पर लड़ेंगे नगरीय निकाय चुनाव, कहा- हमारे साथ विश्वासघात हुआ