पूजा घर में नहीं होनी चाहिए गणेश लक्ष्मी और सरस्वती की ऐसी मूर्ती

वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से व कक्ष के लिए कुछ विशेष बातें बताई गई हैं। उसी के अंतर्गत पूजन कक्ष के लिए भी कुछ विशेष वास्तु नियम बनाए गए हैं। हिंदू परिवारों में पूजन स्थान या पूजन कक्ष आवश्यक रूप से होता है। अगर यह वास्तु अनुरूप हो तो और भी शुभ फल देता है । घर में पूजन कक्ष या पूजन स्थान बनवाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-
 

/ Updated: Jan 17 2020, 08:04 PM IST

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वीडियो डेस्क। वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से व कक्ष के लिए कुछ विशेष बातें बताई गई हैं। उसी के अंतर्गत पूजन कक्ष के लिए भी कुछ विशेष वास्तु नियम बनाए गए हैं। हिंदू परिवारों में पूजन स्थान या पूजन कक्ष आवश्यक रूप से होता है। अगर यह वास्तु अनुरूप हो तो और भी शुभ फल देता है । घर में पूजन कक्ष या पूजन स्थान बनवाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-
1. पूजा घर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बनवाना चाहिए।  पूजन स्थान पर मूर्तियां अधिक न रखें।
2. इस बात का विशेष ध्यान रहे कि गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की मूर्तियां खड़ी स्थिति में न हो।
3. पूजा कक्ष के आस-पास शौचालय नहीं होना चाहिए। पूजा स्थल के नीचे कोई भी अग्नि संबंधी वस्तु जैसे इन्वर्टर या विद्युत मोटर नहीं होना चाहिए।
4. पूजा स्थल के समक्ष थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए, जहां आसानी से बैठा जा सके।
5. पूजा स्थल के ऊपर यदि टाण्ड न बनाएं और यदि हो भी तो उसे साफ-सुथरी रखें। कोई कपड़ा या अन्य चीजें वहां न रखें।
6. पूजा स्थल पर धीमी रोशनी वाले बल्ब लगाएं। अंधेरा व सीलन न हो। जब भी आपका मन अशांत हो, यहां आकर आप नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
7. यदि पूजा स्थल के लिए पर्याप्त स्थान नहीं हो तो किसी भी दीवार के सहारे ढाई-तीन फीट की ऊंचाई पर सादा पत्थर रखकर वहां पूजा स्थल बना लें। हो सके तो इसे सादे पर्दे से ढंक दें।