
मर्द को दर्द नहीं होता
पिछले कुछ महीनों से AsiaNet News Hindi और मैं, News Se Break के ज़रिए ज़िंदगी के अलग-अलग रंग और सवाल आपके सामने लाते रहे।आज इस सीरीज़ की आख़िरी नज़्म…और इसका विषय शायद सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।"Mard Ko Dard Nahi Hota"… सिर्फ एक नज़्म नहीं, एक बातचीत है…उस चुप्पी के बारे में जो मर्दों के हिस्से आती है। उन आंसुओं के बारे में जो बचपन में ही रोक दिए जाते हैं। उस अकेलेपन के बारे में जो मर्दानगी के नाम पर सिखाया जाता है। ये कविता सिर्फ मर्दों की नहीं,उन सबकी है जिन्होंने vulnerability को weakness मान लिया। और उन सबकी है जिन्हें society ने सिखाया कि दर्द दिखाना allowed नहीं है। धन्यवाद… इस सीरीज़ को देखने, सुनने और share करने के लिए आप सबका बहुत-बहुत शुक्रिया। हर हफ्ते आपने इन नज़्मों को अपने दोस्तों, परिवार और दिलों तक पहुँचाया। ये हमारी कोशिश थी…थोड़ी बातचीत, थोड़ा ठहराव, थोड़ा News Se Break…और ये आपकी वजह से ही meaningful बना।Much sunshine, laughter, और थोड़ा सा साहस…ताकि हम सब… मर्द हों या औरत… कह सकें: “हाँ, मुझे भी दर्द होता है।”