राजस्थान में ईश्वर को नहीं मानने की दूल्हा-दुल्हन को दिलाई शपथ, ब्रह्मा-विष्णु, महेश की नहीं करेंगे पूजा

राजस्थान के भरतपुर में संत रविदास सेवा समिति अनोखे तरीके से सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें शादी कर नए जीवन की शुरुआत करने वाले जोड़ों को ईश्वर को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही  बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाई।

/ Updated: Nov 22 2022, 01:31 PM IST
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भरतपुर (राजस्थान). शादी कर नए जीवन की शुरुआत करने वाले जोड़ों को ईश्वर को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई है। कथित रुप से धर्म परिवर्तन का यह बड़ा केस राजस्थान के भरतपुर जिले से सामने आया है। हांलाकि इस पूरे घटनाक्रम के बारे में फिलहाल किसी भी सरकारी अफसर का फिलहाल कोई भी बयान सामने नहीं आया है। लेकिन आयाजकों का बेधड़क रुप से ये कहना है कि यह उनका छटवां आयोजन है। इस तरह से वे भरतपुर में छटवीं बार सामूहिक विवाह आयोजन करा रहे हैं। 

'ब्रह्मा, विष्णु, महेश कुछ नहीं...हम किसी को नहीं मानेंगे'
दरअसल, भरतपुर में रविवार को संत रविदास सेवा समिति की ओर से सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है। इसके वीडियो अब सामने आए हैं। आयोजकों ने 11 जोड़ों को बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाई है। इस शपथ के अलावा यह भी शपथ दिलाई है कि हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानना है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश कुछ नहीं हैं। इन ग्यारह जोड़ों को आयोजकों ने और भी कई शपथ दिलाई हैं। धर्म परिवर्तन के इस कथित मामले  को लेकर अब पूरे जिले में चर्चा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी धर्म परिवर्तन मामले को बेहद गंभीर माना है। इस मामले में दिल्ली के केजरीवाल सरकार के एक नेता अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। 

शादी में दूल्हा-दुल्हन को दी जाती हैं 22 शपथ
आयोजन समिति की ओर से आयोजक शंकर लाल बौद्ध का कहना है कि इन सामूहिक विवाह में किसी भी धर्म के लोग शादी कर सकते हैं नियमानुसार। शंकर लाल ने कहा कि कुम्हेर में एक मैरिज हॉल में बेहद कम खर्च पर ये आयोजन किया गया था। ग्यारह जोड़े अलग अलग धर्म के थे। इन आयोजनों में बौद्ध धर्म को अपनाने और उसकी रक्षा करने के नाम पर 22 शपथ दिलाई जाती हैं। इस तरह के आयोजन राजस्थान के कई शहरों में हो चुके हैं। इस बार भरतपुर में जो आयोजन हो रहा है वह छटवां आयोजन है। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कई अधिकारी भी शामिल रहे। उधर इस पूरे घट्रनाक्रम के बाद विहिप के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और स्थानीय अफसर इस तरह के आयोजनों पर ध्यान नहीं देते हैं तो इसका विरोध किया जाएगा।