कई वजह से खास है साल का अंतिम चंद्रग्रहण, जानें कब शुरू होगा सूतक काल और कैसा रहेगा प्रभाव

वीडियो डेस्क। 30 नवंबर को साल का चौथा और आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ये चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा। अब तक साल 2020 में 10 जनवरी, 5 जून और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण देखा गया था। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण इसलिए भी खास है क्यों कि इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है और सोमवार का दिन है। इतना ही इस दिन गुरुनानक जी का 551 वां जन्मदिन भी हैं। 

/ Updated: Nov 23 2020, 01:32 PM IST

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वीडियो डेस्क। 30 नवंबर को साल का चौथा और आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ये चंद्रग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा। अब तक साल 2020 में 10 जनवरी, 5 जून और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण देखा गया था। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण इसलिए भी खास है क्यों कि इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है और सोमवार का दिन है। इतना ही इस दिन गुरुनानक जी का 551 वां जन्मदिन भी हैं। 
ग्रहण प्रारंभ -      30 नवंबर दोपहर 1 बजकर 4 मिनट
ग्रहण मध्यकाल-  30 नवंबर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट
ग्रहण समाप्त -    30 नवंबर शाम 5 बजकर 22 मिनट

पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपच्छाया ग्रहण भी होता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। इस घटना में पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल दिखाई देती है। कोई भी चन्द्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है। जिसे उपच्छाया कहते हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेंगे अतः इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा। ज्योतिषियों का कहना है कि यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण होने वाला है। लगभग सभी राशियों पर इसका असर भी हो सकता है। हर ग्रहण का सूतक काल होता है, जिसमें भगवान के ध्यान और मंत्र का जाप करने का विधान है। इस बार के चंद्रग्रहण में, सूतक अवधि मान्य नहीं होगी क्योंकि यह एक ' उपच्छाया ग्रहण' (Upachhaya) है।