भ्रष्ट सरकारी सिस्टम की भेंट चढ़ी 127 करोड़ की आवास योजना, जर्जर हालत में नजर आ रहे 3300 से अधिक मकान
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों को उनकी अपनी छत देने को लेकर गंभीर हैं, तो दूसरी तरफ आगरा में 127 करोड़ की आवास योजना एक दशक गुजर जाने के बाद भी भ्रस्ट सिस्टम की भेंट चढ़ रही है। जिसका खामिया लाभार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
आगरा: एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों को उनकी अपनी छत देने को लेकर गंभीर हैं, तो दूसरी तरफ आगरा में 127 करोड़ की आवास योजना एक दशक गुजर जाने के बाद भी भ्रस्ट सिस्टम की भेंट चढ़ रही है। जिसका खामिया लाभार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, बसपा सरकार में आगरा के यमुना पार नारायच क्षेत्र में 127 करोड़ की लागत से बीएसयूपी के तहत 3640 आवासों का निर्माण कराया गया था। डूडा की योजना के तहत बनाये गए मकानों के निर्माण की जिम्मेदारी डूडा ने आगरा विकास प्राधिकरण को दी थी, जिसके बाद मकान तो बने, लेकिन भ्रस्ट सिस्टम की भेंट चढ़ गए। 12 साल गुजर जाने के बाद भी न उदघाटन हो सका और न ही वितरण। मामला मीडिया में आने के बाद आगरा विकास प्राधिकरण की नींद टूटी और आनन-फानन में आगरा विकास प्राधिकरण ने आवासों की जांच आईआईटी रुड़की से जांच कराई। जिसमे गुणवत्ता पर भी सवाल उठे और 3640 में से महज 350 आवास ही रहने लायक घोषित हुए।
मामले पर परियोजना अधिकारी डूडा मुनीष राज ने बताया कि जो रिपोर्ट एडीए ने दी है, उसमें आवासों की संख्या तो बताई है, लेकिन क्रमांक संख्या नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि आवासों का वितरण नहीं हो पा रहा हैं। लाभार्थी लगातार विभाग के चक्कर लगा रहे है। इस मामले को लेकर अब आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को एक पत्र भेजा है। जिससे आवासो का क्रम संख्या मिल सके। आवासों की संख्या का विवरण मिलने के बाद लाभार्थियों को आवासों का वितरण किया जा सकेगा।