बर्थडे स्पेशल: जब अपने ही घर भिक्षा मांगने पहुंचे योगी आदित्यनाथ, इस बात से कर दिया था इनकार

योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस 5 जून को मनाया जा रहा है। दूसरी बार यूपी का सीएम बनने के बाद उनका कद पहले भी ज्यादा ऊंचा हो गया है। उनके जन्मदिवस को लेकर कार्यकर्ता तरह तरह के आयोजन कर रहे हैं।

/ Updated: Jun 05 2022, 10:24 AM IST

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बुलडोजर बाबा के तौर पर अपनी नई पहचान बनाने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस 5 जून यानी की आज है। दूसरी बार सीएम बनने के बाद राजनीतिक गलियारों में उनका कद पहले से भी ज्यादा ऊंचा हो गया है। सीएम योगी ने अपराध नियंत्रण, दंगा एवं माफिया नियंत्रण, सुशासन और पशु प्रेम को लेकर जो मिसाल पेश की वह अन्यत्र नहीं है। उनके जन्मदिन को लेकर कई तरह के आयोजन हो रहे हैं। हालांकि आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ा वह किस्सा बताने जा रहे हैं जब योगी आदित्यनाथ अपने ही घर पर भिक्षा मांगने पहुंचे थे। 
योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट था। उन्होंने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटरमीडियट कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की थी। इसके बाद पौड़ी के कोटद्वार के डॉ पीताम्बर दयाल बड़थ्याल हिमालयन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीएससी में एडमिशन लिया। साल 1992 में वह यहां से पास हो गए और गोरखपुर विश्वविद्यालय में फिजिक्स में एमएससी में एडमीशन लेने पहुंचे। हालांकि उसे उन्होंने पूरा नहीं किया और घर से चले गए। छह माह तक तो घरवालों को पता ही नहीं था कि अजय सिंह बिष्ट कहां है। पिता आनंद सिंह उनके खोजने गए लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच किसी ने उन्हें बताया कि बेटा गोरखपुर के गोरक्षनाथ पीठ में हैं औऱ संयासी बन गया है। इस बात को जानकर आनंद सिंह को दुख हुआ लेकिन वह कुछ भी नहीं कर सके। 
संन्यासी बनने के बाद अजय सिंह बिष्ट अब योगी आदित्यनाथ बन चुके थे। इसके बाद वह 1993 में अपने गांव गए। इस बार वह पहले की तरह जींस पैंट में नहीं बल्कि गेरुआ पहनकर गए थे। दोनों कानों में बड़े-बड़े कुंडल और हाथ में खप्पर था। जिसने भी देखा उसने उन्हें पहचानने के लिए अपनी आंखे मली। लेकिन फिर भी कोई उन्हें ठीक से पहचान न सका। पत्रकरार विजय त्रिवेदी अपनी किताब यदा यदा ही योगी में लिखते हैं कि अजय ने घर पर पहुंचकर बाहर से भिक्षा के लिए आवाज लगाई। घर की मालकिन आईं तो उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं था। वह मौन थी और उनकी आखों से आसुओं की धार बह रही थी। उनके सामने उनका युवा बेटा संन्यासी के रूप में खड़ा था। मां चुप थी और तभी आदित्यनाथ ने कहा कि मां भिक्षा दीजिए। 
इस बीच मां ने खुद को संभाला और कहा बेटा यह क्या हाल बना रखा है। घर में किस चीज की कमी थी जो भीख मांग रहा है। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया कि यह उनका धर्म है। एक योगी की भूख भिक्षा से ही मिटेगी। आप जो भी भिक्षा में देंगी उससे उनका मनोरथ पूरा करेगा। इसके बाद मां ने अंदर आने को कहा तो योगी आदित्यनाथ ने इंकार कर दिया।

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