कोरोनाकाल में अस्पताल ने मरीजों से जमकर की अवैध वसूली, हॉस्पिटल की चेयरपर्सन समेत 8 लोगों पर दर्ज हुई FIR
मथुरा के नैशनल हाईवे 19 पर स्थित नयति मेडिसिटी अस्पताल में कोरोना की सेकेंड वेव में अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने और चार्ज से ज्यादा फीस जमा कराने के एवज में स्वास्थ्य विभाग को मिली शिकायतों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मथुरा: जिले के नैशनल हाईवे 19 पर स्थित नयति मेडिसिटी अस्पताल में कोरोना की सेकेंड वेव में अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने और चार्ज से ज्यादा फीस जमा कराने के एवज में स्वास्थ्य विभाग को मिली शिकायतों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। थाना शहर कोतवाली के कृष्णानगर क्षेत्र की रहने वाली भगवती वर्मा ने नयति मेडिसिटी अस्पताल प्रबंधन पर अपने पति के इलाज में लापरवाही बरतने और कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाई है। महिला की ओर से जैंत थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक अस्पताल ने बिना किसी पूर्व सूचना के मरीज को छुट्टी दे दी थी। उन्होंने बताया कि 10 मई 2021 को नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला ने कहा कि उसके पति को 15 मई को छुट्टी दे दी गई और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। महिला ने यह भी दावा किया कि अस्पताल ने धोखे से इलाज के खर्च के रूप में उससे 1.90 लाख रुपये से अधिक ले लिए।
पुलिस ने बताया कि नीरा राडिया, अस्पताल निदेशक नरेंद्र सिंह, सीनियर अकाउंटेंट अधिकारी सुनील, अकाउंटेंट अधिकारी बालकिशन चतुर्वेदी, फाइनेंस डायरेक्टर यतीश बहल, फाइनेंस कंट्रोलर हेमंत जावा, चंदन सिंह और सागर टुटेजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस उपाधीक्षक (सदर) प्रवीण मलिक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारियां की जाएंगी।
पुराना की सेकंड बेड के बाद जब नयति मेडिसिटी हॉस्पिटल की जांच कराई गई थी तो उसमें मेथी मेडिसिटी चेयर पर्सन के साथ साथ आठ लोग ऊपर जो आरोप लगे थे वह सिद्ध हो गए। करीब 8 महीने से नयति मेडिसिटी हॉस्पिटल प्रशासन के निर्देशानुसार बंद चल रहा है।