आदिपुरुष के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी, कहा- किसी भी कीमत पर नहीं चलने देंगे फिल्म
आदिपुरुष फिल्म को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में वाराणसी में मार्च निकालकर पुतला दहन किया गया। विरोध कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि वह किसी भी कीमत पर फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।
आदिपुरुष फिल्म को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में भारतीय अवाम पार्टी ने आदिपुरुष फिल्म के निर्देशक और कलाकारों का पुतला लमही गेट पर फूंका। भारतीय अवाम पार्टी के नेताओं ने मुखालफत मार्च निकाल कर आदिपुरुष फ़िल्म के निर्देशक, प्रोड्यूसर और कलाकारों को चेतावनी दी कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो पार्टी के कार्यकर्त्ता हर स्तर पर विरोध करेंगे और किसी कीमत पर फिल्म चलने नहीं देंगे। भारतीय अवाम पार्टी ने सबसे अपील किया कि सब इस फिल्म का विरोध करें और इसके कलाकारों के अन्य फिल्मों का भी विरोध करें।
इस अवसर पर भारतीय अवाम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन ने कहा कि यह कोई भारतीय कैसे बर्दाश्त कर सकता है कि बॉलीवुड भगवान श्रीराम और हनुमानजी का अपमान करे और हम चुप रहें। आदिपुरुष फिल्म में भगवान के स्थापित चित्र से अलग चित्र दिखाकर हिन्दू धर्म को अपमानित किया गया है। फिल्म के निर्देशक और कलाकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजना अनिवार्य करे सरकार। हर बार हिन्दू ही क्यों धैर्य रखे और बार-बार अपमानित हो। धार्मिक विद्वेष फैलाने और भगवान का अपमान करने के आरोप में इनको कड़ी सजा मिले ताकि दोबारा कोई इस तरह के पाप करने का साहस न कर सके।
प्रदेश महासचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि बजरंगबली के अपमान पर केवल फिल्म पर प्रतिबंध से काम नहीं चलेगा। इसमें शामिल सभी कलाकारों और निर्माताओं की जांच हो। कहीं ये सभी के तार आतंकवादी जिहादियों से तो नहीं जुड़े हैं। जिहादियों का काम हिन्दू धर्म को अपमानित करना भी है। हो सकता है फिल्म के बहाने भारत में धार्मिक विद्वेष फैलाकर दंगा कराने की साजिश हो, इस फिल्म में पैसा आतंकवादी संगठनों का लगा हो। जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि फिल्म को चलने तो नहीं देंगे, इसके किसी कलाकारों को बनारस में प्रवेश भी नहीं करने देंगे। बॉलीवुड ने हिन्दू देवी देवताओं को अपमानित करने का चलन बना लिया है। इससे धार्मिक भावनाएँ कभी भी भड़क सकती हैं। जिला उपाध्यक्ष राजकुमार राजू ने कहा कि दलित बिरादरी के लोग सबसे ज्यादा हनुमानजी की अराधना करते हैं। इसलिये दलितों को नीचा दिखाने के लिये आदिपुरूष फिल्म में हनुमानजी का अपमान किया गया है।