अलीगढ़ के ताला कारोबारी ने बनाया 400 किलो का ताला, राम मंदिर की होगा खास सुरक्षा

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में निर्मित किया गया 400 किलो का ताला फिलहाल प्रदर्शनी की शान बना हुआ है। शहर सहित दूरदराज से लोग प्रदर्शनी में ताले को देखने के लिए आ रहे है, अपने आकार को लेकर सुर्खियों में आया 400 किलो का ताला अलीगढ़ की नुमाइश के समापन के बाद अयोध्या के मंदिर को भेंट किया जाएगा। ताले की लंबाई 10 फुट है। जबकि चौड़ाई साढ़े चार फुट है। 

/ Updated: Jan 09 2022, 04:54 PM IST

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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ (Aligarh) में गंगा जमुना तहजीब कही जाने वाली नुमाइश मैदान के अंदर बुजुर्ग दंपत्ति की काबिलियत की मिसाल पेश करता हुआ 400 किलो का ताला राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी की ताला की शान बना हुआ है। नुमाइश प्रदर्शनी के मैदान में लगाए गए इस 400 किलो के ताले को लेकर अपना इरादा इजहार करते हुए कहा गया कि प्रदर्शनी खत्म होने के बाद अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) के लिए बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा ताला भेंट किया जाएगा।जबकि बुजुर्ग दंपती का इरादा अब इससे बड़ा यानी छह क्विंटल का ताला बनाने का है। जिस ताले को अगले साल 26 जनवरी पर दिल्ली में परेड के दौरान लगाने के लिए परमिशन मांगी गई है।

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में निर्मित किया गया 400 किलो का ताला फिलहाल प्रदर्शनी की शान बना हुआ है। शहर सहित दूरदराज से लोग प्रदर्शनी में ताले को देखने के लिए आ रहे है, अपने आकार को लेकर सुर्खियों में आया 400 किलो का ताला अलीगढ़ की नुमाइश के समापन के बाद अयोध्या के मंदिर को भेंट किया जाएगा। ताले की लंबाई 10 फुट है। जबकि चौड़ाई साढ़े चार फुट है। ताले बनाने वाले दंपति कारीगर के द्वारा ताले पर कुछ नाम भी लिखे हैं। जोकि ताले बनाने वालों की पहचान को दर्शाने का काम कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना गांधी पार्क इलाके के ज्वालापुरी नौरंगाबाद निवासी सत्य प्रकाश शर्मा के यहां पिछले 100 सालों से लगातार ताले का कारोबार होता आया है। उसके पिता भोजराज शर्मा भी अपने पुश्तैनी काम को करते आ रहे थे। पिता की मौत के बाद उसने भी अपनी पत्नी के साथ मिलकर पुश्तैनी ताले के कारोबार को आगे बढ़ाया। 400 किलो के ताला बनाने से पहले उसके द्वारा 300 किलो का ताला बनाया जा चुका था। जिस ताले को उनके द्वारा बीजेपी पार्टी के लिए बनाया गया था। लेकिन बुजुर्ग दंपत्ति का इरादा नहीं थमने का नहीं है। उनका इरादा 400 किलो वजनी ताले से और बड़ा विशालकाय ताला बनाने का हैं। ताले का निर्माण बुजुर्ग दंपत्ति के द्वारा जल्द शुरू कर दिया जाएगा और उस ताले का निर्माण होने के बाद आने वाली अगली 26 जनवरी 2023 में दिल्ली में होने वाली परेड के दौरान परेड ग्राउंड में उस विशालकाय ताले को देश के सामने पेश करने की गुजारिश प्रधानमंत्री से की गई है। इसके लिए बाकायदा उनके द्वारा पीएम को पत्र लिखकर परमिशन की मांग की गई हैं।

पत्नी के साथ मिलकर बनवाया ताला, जाने वजह
सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि वह हार्ट पेशेंट होने के बावजूद उन्होंने अपनी पत्नी रुक्मणी शर्मा के साथ मिलकर 3 महीने की कड़ी मेहनत से 400 किलो का एक विशालकाय ताला बनाया है। जिसे वह दुनिया का सबसे बड़ा ताला होने का दावा करते नजर आ रहे हैं। बुजुर्ग दंपत्ति के द्वारा तैयार किया गया 400 किलो वजनी ताला आदमी के दोगुने कद के बराबर के साथ-साथ लंबा-चौड़ा भी नजर आ रहा है। पहाड़ की तरह ताला बनाने वाले कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया। भारत में इस जैसा कोई ताला नहीं है। वजह ताले की चाबी 2 किलो 30 ग्राम ताली का वजन 4 कुंटल यानी कि 400 किलो है। ताले की ऊंचाई 10 फीट और ताले की चौड़ाई 9 पॉइंट 5 इंच और ताले में 6 लीवर लगाए गए हैं।

ताले पर हो चुका 1 लाख से अधिक खर्च
सत्य प्रकाश शर्मा कारीगर के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि अभी तक एक लाख रुपए से ज्यादा तक इस ताले में लग चुके हैं। फिलहाल यह ताला अभी नुमाइश की रौनक बना हुआ है। जल्द ही इस ताले को अयोध्या में श्री मंदिर को भेंट किया जाएगा। उनके द्वारा बताया गया एक जैसा ही ताला कोलकाता में है। तो दूसरा फिलहाल अलीगढ़ की नुमाइश की शान बना हुआ है।

सत्य प्रकाश शर्मा के द्वारा जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे से ताले को नुमाइश में डिस्प्ले कराने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया गया। लेकिन फिलहाल डिस्प्ले न मिलने के कारण ताला ऐसे ही नुमाइश की शान बना हुआ है।
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