वाह रे सिस्टम...जिंदा महिला को कागजों में किया मृत घोषित

अमेठी तहसील के हिम्मतगढ़ गांव का है। गांव निवासी 60 वर्षीय रामदुलारी का आरोप है की  26 सितंबर 2020 को मेरी बहू झबरा देवी ने लेखपाल से सांठ गांठ कर मेरे मृत पति की जमीन में अपने नाम वरासत दर्ज करा लिया। और मुझे मरा हुआ दिखा दिया। जिसके बाद वृद्ध राम दुलारी के हाथो उसकी सम्पत्ति पर उसकी बहु का मालिकान हो गया, जब जमीन गयी तो उसने जीने के लिए अधिकारी से गुहार लगायी लेकिन अधिकारीयो ने उसे कागज़ में मुर्दा बता दिया।

/ Updated: Dec 08 2021, 06:38 PM IST

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अमेठी: सिनेमा के पर्दे पर मशहूर कलाकार पंकज त्रिपाठी की एक फिल्म (Film) आई थी 'कागज' (Kagaj)जिसमें अंत तक अभिनेता स्वयं को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद  करता  था, लेकिन सांसें लेने के बावजूद वो कागजों में मुर्दा ही रहा । कुछ ऐसा ही वाक़्या केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में देखने को मिला है।  जहाँ 60 वर्षीय विधवा राम दुलारी अपना जीवित शरीर लेकर खुद के जिन्दा होने का सबूत देने अधिकारियो की चौखट दर चौखट दौड़ रही है।

महिला ने लेखपाल पर लगाया सांठगांठ का आरोप

अमेठी तहसील के हिम्मतगढ़ गांव का है। गांव निवासी 60 वर्षीय रामदुलारी का आरोप है की  26 सितंबर 2020 को मेरी बहू झबरा देवी ने लेखपाल से सांठ गांठ कर मेरे मृत पति की जमीन में अपने नाम वरासत दर्ज करा लिया। और मुझे मरा हुआ दिखा दिया। जिसके बाद वृद्ध राम दुलारी के हाथो उसकी सम्पत्ति पर उसकी बहु का मालिकान हो गया, जब जमीन गयी तो उसने जीने के लिए अधिकारी से गुहार लगायी लेकिन अधिकारीयो ने उसे कागज़ में मुर्दा बता दिया। 
अपने हक़ को पाने के लिए रामदुलारी अब अपने को ज़िंदा साबित करने के लिए अधिकारियो के दफ्तर का चक्कर लगा रही है और कह रही है साहब यकीं करो मैं ज़िंदा हूँ।

अमेठी में आज उपजिलाधिकारी कार्यालय में अपने ज़िंदा शरीर के साथ कागज़ो में मृत रामदुलारी पहुंची और उसने अधिकारियो से न्याय की मांग की लेकिन अधिकारी करते भी क्या कागजो में मर चुकी रामदुलारी को जिंदा मानने के लिए उन्हें भी कई कोरम पूरा करना होगा। फिलहाल इस मामले में अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है क्यूंकि उनके हाथ कानून से जो बंधे है।