सार

फ्रांस में हर साल 14 को Bastille Day मनाया जाता है और नेशनल हॉलीडे रहता है। यह फ्रांस के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और दुनिया की जानी-मानी हस्तियां ही इस दिवस के लिए आमंत्रित की जाती हैं।

What Is Bastille Day. हर साल फ्रांस के राष्ट्रपति Bastille Day परेड के अवसर पर दुनिया के दिग्गज नेताओं, राष्ट्राध्यक्षों का चयन करके उन्हें आमंत्रित करते हैं। इस बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस खास अवसर पर आमंत्रित किया गया है। इससे पहले साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी यह सम्मान मिल चुका है। नरेंद्र मोदी भारत के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें Bastille Day परेड के लिए आमंत्रित किया गया है।

फ्रांस के इतिहास में 14 जुलाई का क्या महत्व है

फ्रांसीसी इतिहास में 14 जुलाई को दो बड़ी घटनाओं के लिए याद किया जाता है। यही वजह है कि यह दिन फ्रांस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसी दिन Bastille Day परेड का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर नेशनल हॉलीडे घोषित रहता है और फ्रांस में उत्सव का माहौल रहता है। इतना ही नहीं भारत में 26 जनवरी और 15 अगस्त के तर्ज पर किसी न किसी खास राजनेता, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित करने की परंपरा है। इस बार यह सम्मान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला है।

क्या होता है फ्रांस में बैस्टाइल डे

फ्रांस में बैस्टाइल डे को ले क्वाटोर्ज जुइलेट के नाम से जाना जाता है। 1880 में फ्रांसीसी इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ों की याद में 14 जुलाई को आधिकारिक राष्ट्रीय अवकाश मनाया जाता है। फ्रांसीसी क्रांति आधिकारिक तौर पर 5 मई 1789 को शुरू हुई। तब किंग लुईस XVI ने टैक्स के लिए एस्टेट जनरल की मीटिंग बुलाई। लेकिन यह मीटिंग फ्रांस के लोगों की खराब लाइफ स्टाइल की बहस में तब्दील हो गई। राजा बनाम प्रजा की इस बहस ने बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया।

फ्रांस की जनता ने 14 जुलाई को किया आंदोलन

उसी साल फ्रांस की जनता है 14 जुलाई को राजा के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। देश की जनता राजा और उनकी सरकार से बेहद नाराज थी और उन्होंने बैस्टिल जेल पर हमला कर दिया। तब राजा ने कई लोगों को कैद कर दिया और पूरे पॉवर के साथ सत्ता का संचालन शुरू किया। तब भीड़ ने हजारों कैदियों को मुक्त कर दिया और हथियारों के भंडार तक लूट लिए। इतिहास बताता है कि 16वीं शताब्दी के आसपासा फ्रांसीसी राजशाही की पुराने शासन पर यह पहली जीत थी। जिसकी वजह से इस दिवस को गर्व के साथ याद किया जाता है।

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