सार
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के भारत में अल्पसंख्यकों पर दिए गए बयान पर इजरायल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इजरायल के राजदूत ने खामेनेई के बयान को हास्यास्पद और पाखंडी बताते हुए ईरान में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया है।
अयातुल्ला अली खामनेई के बयान पर इजरायल की प्रतिक्रिया। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है और टिप्पणियों को हास्यास्पद और पाखंडी बताया है। अजार ने बताया कि जहां खामेनेई अन्य देशों को व्याख्यान देते हैं। जो खुद ईरान पर स्वतंत्रता को दबाने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का काम करते हैं। इसके लिए उनके ऊपर आरोप भी लगते रहे हैं।
रूवेन अजार ने अपने बयान में आगे कहा कि ईरान सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई (supreme leader ayatollah ali khamenei) धर्म की स्वतंत्रता, भाषण की स्वतंत्रता, मानवाधिकार जैसी स्वतंत्रताओं का दमन करके अपनी आबादी को मारने का काम कर रहे हैं। ये पूरी तरह से अपमानजनक बात है। हमें उम्मीद है कि ईरानी लोग एक दिन खमेनेई की तरफ से मिलने वाले उत्पीड़न और अत्याचार से आजाद होंगे।
भारत ने ईरान को सुनाई थी खरी-खोटी
बता दें कि ईरानी नेता ने बीते सोमवार को तेहरान में मौलवियों की एक सभा को संबोधित करते हुए गाजा, म्यांमार और भारत में मुसलमानों की "पीड़ा" के बारे में बात की। उन्होंने कहा था कि इस्लाम के दुश्मनों ने इस्लामी उम्मा के रूप में हमारी साझा पहचान के संबंध में हमें हमेशा उदासीन बनाने की कोशिश की है। अगर हम गाजा, म्यांमार और भारत में एक मुसलमान को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते।
हालांकि, इस विवादित बयान पर भारत ने सोमवार को ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और टिप्पणियों को "गलत जानकारी वाला और अस्वीकार्य" बताया। इस पर विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपने "अपने रिकॉर्ड" को देखना चाहिए।
ये भी पढ़ें: थम जाएगी सांसे! वायरल Video में देखें लेबनान के पेजर्स Blast का खौफनाक नजारा