नेपाल में युवाओं ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया के खिलाफ उग्र प्रदर्शन शुरू किया है। इसके चलते सोमवार को भीड़ संसद परिसर में घुस गई और जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की। पुलिस की जवाब कार्रवाई में 20 लोगों की जान चली गई जबकि 200 घायल हैं।
Nepal Gen-Z Protest: नेपाल की राजधान काठमांडू में सोमवार 8 सितंबर को हजारों युवकों ने मार्च निकाला और सरकार से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध को हटाने और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार की संस्कृति को खत्म करने की मांग की। इस दौरान भीड़ ने संसद भवन को घेर लिया और कुछ लोग परिसर की दीवार फांदकर भीतर घुस गए। घटना से जुड़े कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें प्रदर्शनकारी संसद के गेट पर तोड़फोड़ करते हुए नजर आ रहे हैं।
20 लोग मारे गए, 200 से ज्यादा घायल
पुलिस प्रवक्ता शेखर खनल ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, "प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने के बाद उन पर आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ी गईं। इस दौरान संसद में जबरन घुस रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने फायरिंग भी की, जिसमें 20 लोगों की जान चली गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

ये भी देखें : Nepal Protest: नेपाल में क्यों भड़का विद्रोह, 7 सवाल-जवाब में जानें पूरा मामला?
काठमांडू के कई प्रमुख इलाकों में कर्फ्यू
जिला प्रशासन ने राजधानी काठमांडू के कई प्रमुख इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया, जिनमें संसद, राष्ट्रपति निवास और सिंह दरबार (जहां प्रधानमंत्री कार्यालय स्थित है) शामिल हैं। बता दें कि सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुक्रवार से ही नेपाल में फेसबुक, यूट्यूब और X सहित कई सोशल मीडिया साइट्स बंद हैं, जिसको लेकर युवा पीढ़ी के यूजर बेहद नाराज हैं।

सोशल मीडिया बैन और सरकार के भ्रष्टाचार से नाराज
24 साल के एक स्टूडेंट युजन राजभंडारी के मुताबिक, "सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से हम उत्तेजित हुए हैं, लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है कि हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हम नेपाल में संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आंदोलन कर रहे हैं।" बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रगान के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू किया और फिर सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों और भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

नेपाल सरकार ने दिया था 7 दिन का वक्त
बता दें कि नेपाल ने सोशल मीडिया कंपनियों को नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराने, संपर्क सूत्र स्थापित करने, एक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी और एक स्व-नियमन अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने के लिए 28 अगस्त को 7 दिन का समय दिया था, जिसकी समयसीमा 2 सितंबर को खत्म हो गई थी। यह निर्णय पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद आया है। 2023 में, नेपाल ने एक निर्देश पारित किया, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था। मंत्रालय के सूचना अधिकारी रवींद्र प्रसाद पौडेल के मुताबिक, कई नोटिस के बावजूद प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अब तक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं किया है। वहीं, डिजिटल राइट्स नेपाल के अध्यक्ष भोलानाथ धुंगाना ने कहा कि सोशल साइट्स पर अचानक बैन लगाना सरकार के "नियंत्रणकारी" रवैये को दिखाता है।
ये भी पढ़ें : Nepal Gen Z protest: पुलिस ने भीड़ पर तानी गन और चला दी गोली, देखें नेपाल हिंसा के 5 वीडियो
