सार

हौथी विद्रोहियों को लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हमला करने से रोकने के लिए अमेरिका ने मेरिटाइम टास्क फोर्स बनाया है। इसमें 10 देश शामिल हैं।

 

वाशिंगटन। हौथी विद्रोहियों द्वारा लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हमला किया जा रहा है। समुद्र के जरिए होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लाल सागर से गुजरने वाला रास्ता बेहद अहम है। इस रास्ते से गुजरने वाले जहाजों को हौथी विद्रोहियों के हमले से बचाने के लिए अमेरिका ने 9 देशों के साथ मिलकर एक मेरिटाइम टास्क फोर्स बनाया है। इसे ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन नाम दिया गया है।

ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशल्स, स्पेन, यूके और अमेरिका की नौसेनाएं मिलकर हौथी विद्रोहियों द्वारा किए जाने वाले हमले को नाकाम करेंगी। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि 'ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन' एक नई सुरक्षा पहल है।

व्यापारिक जहाजों पर हमला कर रहे हौथी विद्रोही

हौथी विद्रोहियों ने कई व्यापारिक जहाजों पर हमला किया है। इसके चलते समुद्री रास्ते से कारोबार करने वाली कंपनियां लाल सागर से होकर गुजरने वाले रूट को छोड़ने के लिए मजबूर हुईं हैं। अमेरिका और अन्य देशों की नौसेना पहले से ही लाल सागर में जहाजों की रक्षा के लिए काम कर रही हैं। नए टास्क फोर्स से सुरक्षा बढ़ाने की उम्मीद है।

ऑस्टिन ने कहा कि हौथियों ने लाल सागर में जहाजों पर हमला कर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए हम इस खतरे से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बना रहे हैं। यह केवल अमेरिका का मुद्दा नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। लाल सागर को हमलों से मुक्त रखने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए विदेशी नेताओं के साथ एक बैठक की जाएगी।

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इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद हौथी कर रहे हमला

दरअसल, 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने मध्य पूर्व में अन्य मिलिशिया समूहों के साथ मिलकर अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। इसके साथ ही हौथिस ने लाग सागर से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर हमले किए हैं। उन्होंने पिछले महीने एक जहाज को जब्त कर लिया था। इन हमलों ने व्यापारियों को डरा दिया है। इसके चलते तेल की दिग्गज कंपनी बीपी कंटेनर शिपिंग कंपनी मेर्सक के साथ मिलकर लाल सागर से आने जाने वाले रास्ते को बदल रही है। जहाजों को अफ्रीका के चारों ओर अधिक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे सामान ढोने की लागत बढ़ रही है और समय भी अधिक लग रहा है। दुनिया का 10 फीसदी कारोबार लाल सागर से होकर गुजरता है।

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