इजराइल और ईरान के बीच 1979 की इस्लामी क्रांति से दुश्मनी चली आ रही है, बावजूद इसके कभी भी ईरान ने इजराइल पर सीधा सैन्य हमला नहीं किया था। यह पहली बार है जब सीधे तौर पर मिसाइलें और ड्रोन दागे गए हैं। जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
ईरान और इजरायल कभी एक जमाने में बहुत ही अच्छे दोस्त हुआ करते थे। हालांकि, मौजूदा हालत को देखकर ऐसा विश्वास करना मुश्किल लगता है, लेकिन हकीकत यह है।
Iran-Israel War : पश्चिम एशिया में एक और युद्ध छिड़ गया है। ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया है। इजराइल पर एक साथ 250 से ज्यादा मिलाइलें दागी गई हैं। दर्जनों ड्रोन से अटैक हुआ है। कई पश्चिमी देश इजराइल के सपोर्ट में उतर गए हैं। 10 पॉइंट्स में समझिए
ईरान ने इजरायल पर ये हमला इसलिए किया है क्योंकि बीते 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दश्मिक इजरायली सेना के हमले में ईरान के कुल 12 सैनिकों की मौत हो गई थी, जिसमें 2 टॉप अधिकारी भी शामिल थे।
तेहरान के हमले के बाद इजरायली सेना ने कहा कि हमने अधिकांश मिसाइलों को अपने क्षेत्र में घुसने से पहले ही रोक दिया।
ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस दौरान इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि हम किसी भी तरह से परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इजराइल के ड्रोन हमलों के बाद ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष से दूर रहे। इजरायल के ड्रोन हमलों के बीच ईरान ने अमेरिका को जारी की कड़ी चेतावनी।
ईरान ने अपना बदला लेने के लिए इसरायल पर हमला बोल दिया है। उसने बड़े पैमाने पर मिसाइल्स छोड़े हैं।
इजरायली रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन और मिसाइलों का जखीरा रेडी हो चुकी है। इस हालात में भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत छह मुल्कों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी कर दी है और दोनों देशों की यात्रा करने से मना किया है।
ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने मालवाहक विमान को सीज़ किया है। कार्गो शिप को छुड़ाने के लिए भारत ने राजनयिक प्रयास तेज कर दिए हैं।