सार
कंगाली से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान अपने खर्चों में कटौती करने की राह पर चल सकता है। IMF से भी पाक आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है। अपने कुछ फैसलों की वजह से भी पाकिस्तानी सरकार हंसी की पात्र बन रही है।
वर्ल्ड डेस्क : पाकिस्तान ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसे इतने बुरे दिन भी देखने को मिलेंगे। कंगाली Pakistan Financial Crisis) से उबरने के लिए पाक सरकार ऐसे-ऐसे कदम उठाने लगी है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं रही होगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की तरफ से गठित नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी (NAC) ने सरकार को ऐसा सुझाव दिया है, जो हैरान करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NAC ने पीएम शहबाज शरीफ को सलाह दी है कि बदहाली से बाहर आने के लिए सरकारी कर्मचारियों का वेतन कम कर देना चाहिए और मंत्रियों की संख्या भी घटा देनी चाहिए।
कर्मचारियों की सैलरी कटेगी, मंत्रियों की संख्या घटेगी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बदहाली से बाहर निकलने के लिए शहबाज सरकार हाथ-पैर मार रही है। अब सरकार को एक उम्मीद की किरण नजर आई है। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कम कर आर्थिक बदहाली से बचने की कोशिश सरकार करने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 10 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसका प्रस्ताव भी एनएसी की तरफ से सरकार को सौंप दिया गया है। इतना ही नहीं इस कमेटी ने मंत्रालयों और विभागों के खर्च में 15 प्रतिशत तक कमी करने के साथ मंत्रियों की संख्या भी घटाने का प्रस्ताव दिया है।
बिना सैलरी काम करने की गुहार
नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी की तरफ से सरकार को जो सुझाव दिया गया है, उसके मुताबिक, देश में केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों की संख्या को भी कम कर देनी चाहिए। 78 की संख्या को घटाकर 30 करने की सलाह दी गई है। इतना ही नहीं बाकी मंत्रियों को भी बिना सैलरी के काम करने की सलाह दी गई है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि संकट के वक्त में मंत्री और सलाहकार नि: स्वार्थ भाव से देश के लिए काम करें। NAC ने प्रांतीय प्रकृति की परियोजनाओं के लिए फंड के इस्तेमाल को रोकने, सरकारी गारंटी और कई अन्य के जरिए भी कर्ज को सुरक्षित करने पब्लिक सेक्टर के उद्यमों पर बैन की सिफारिश की गई है।
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