सार

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि 1947 में विभाजन के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सिख को पंजाब प्रांत के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

पाकिस्तान। पाकिस्तान में प्रांतीय असेंबली (MPA) के तीन बार के सदस्य रह चुके सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने बुधवार (6 मार्च) को पंजाब प्रांत में मंत्री के रूप में शपथ लिया। वो ऐसे पहले सिख समुदाय के सदस्य बन गए, जो प्रांतीय असेंबली में अल्पसंख्यक का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। 48 वर्षीय सरदार रमेश सिंह अरोड़ा पाकिस्तानी जिले नारोवाल से विधायक हैं। उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ के नेतृत्व में मंत्री पद की शपथ ली।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा कि 1947 में विभाजन के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सिख को पंजाब प्रांत के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मैं सिर्फ सिखों की ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और ईसाइयों सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई के लिए काम करूंगा।

 

रमेश सिंह अरोड़ा का राजनीतिक सफर

रमेश सिंह अरोड़ा का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी लाहौर से SMI प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। राजनीति में प्रवेश करने से पहले सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने पाकिस्तान में विश्व बैंक के गरीबी निवारण कार्यक्रम में योगदान दिया। उन्होंने 2008 में मोजाज़ फाउंडेशन की स्थापना की, जो पाकिस्तान में वंचितों लोगों की सहायता करता है।

 हाल के पाकिस्तानी चुनावों में सरदार रमेश सिंह अरोड़ा को उनके गृहनगर और गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के स्थान नरोवाल से एमपीए के रूप में फिर से चुना गया था। उन्हें पिछले साल करतारपुर कॉरिडोर के लिए राजदूत के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

ये भी पढ़ें: इस मुस्लिम देश ने महिलाओं के क्षेत्र में की तरक्की, संसद के हिस्सेदारी में 5 वां स्थान किया हासिल, जानें पूरी बात