सार

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में पत्रकार वार्ता में भी हिस्सा लिया। इस दौरान अमेरिकी पत्रकार ने पीएम मोदी से भारत में भेदभाव को लेकर सवाल किया।

PM Modi's US Visit. पीएम मोदी और प्रेसीडेंट जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में पत्रकार वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान भारतीय और अमेरिकी पत्रकारों ने दोनों नेताओं से बारी-बारी से सवाल किया। इसी दौरान एक अमेरिकी पत्रकार ने पीएम मोदी से भारत में भेदभाव को लेकर सवाल पूछा। इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि भारत में सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास की नीति चलती है। लोकतंत्र हमारी नसों में है और हम लोकतांत्रिक संस्थाओं के विस्तार में विश्वास रखते हैं।

पीएम पूछा से पूछा गया अल्पसंख्यकों से भेदभाव का सवाल

अमेरिकी पत्रकार ने पीएम मोदी से पूछा कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं कि आप ऐसा कह रहे हैं। हम लोकतंत्र हैं। कहा कि भारत और अमेरिका, दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारा स्पिरिट है, लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं और हमारे पूर्वजों ने उसे शब्दों में ढाला है संविधान के रूप में। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों को आधार लेकर बने हुए संविधान के आधार पर चलती है।

पीएम मोदी ने बताई भारतीय डेमोक्रेसी की परिभाषा

पीएम मोदी ने कहा कि हमने सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलिवर। जब मैं डिलिवर कहता हूं तब कास्ट, क्रीड, रिलीजन, जेंडर आदि किसी भी भेदभाव की वहां जगह नहीं होती। और जब लोकतंत्र की बात करते हैं तब, अगर ह्यूमन वैल्यू नहीं है, ह्यूमन राइट्स नहीं है, ह्यूमेनिटी नहीं है तो फिर वह लोकतंत्र है ही नहीं। जब हम डेमोक्रेसी कहते हैं, डेमोक्रेसी स्वीकार करते हैं और जब हम डेमोक्रेसी को लेकर जीते हैं तो डिसक्रिमिनेशन का कोई सवाल ही नहीं उठता है। इसलिए भारत, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांतों को लेकर चलता है।

क्यों पड़ी मीडिया ब्रीफिंग की आवश्यकता

दरअसल, मीडिया ब्रीफिंग तब तय की गई जब तीन अमेरिकी सांसदों- इल्हान उमर, रशीदा तलीब और अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज ने यह कहा कि वे अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन की बात भी कही। व्हाइट हाउस की बैठक से पहले भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अगर मुस्लिम अल्पसंख्यक का सम्मान नहीं किया गया तो भारत को अलग होने का खतरा है। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पीएम मोदी के साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों में लोकतांत्रिक मूल्य शामिल हैं और हमारे बीच अच्छी चर्चा हुई।

यह भी पढ़ें

मोदी का स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात...पढ़ें 40 अमेरिकी कांग्रेस और सीनेटर्स ने PM मोदी से मिलकर कैसा अनुभव किया