सार

कनाडा में जस्टिन ट्रुडो की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है। ट्रुडो को सत्ता में बने रहने के लिए अन्य दलों का समर्थन हासिल करना होगा।

Political Crisis In Canada: कनाडा में जस्टिन ट्रुडो सरकार की मुसीबत बढ़ती जा रही है। दरअसल, वहां खालिस्तान समर्थक न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने ट्रुडो की लिबरल पार्टी से किनारा कर लिया है। इसके चलते अब ट्रुडो सरकार अल्पमत में आ गई है। आगे भी सत्ता में बने रहने के लिए अब ट्रुडो को दूसरी पार्टियों से समर्थन जुटाना होगा। अगर वो ऐसा कर पाने में कामयाब नहीं हुए तो समय से पहले ही उनकी सरकार गिर जाएगी।

NDP ने जस्टिन ट्रुडो सरकार पर लगाए बड़े आरोप

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा- हम 2022 से लिबरल पार्टी के साथ थे, लेकिन अब इस समझौते को तोड़ते हुए उनसे अलग हो रहे हैं। ऐसा करने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि जस्टिन ट्रुडो की लिबरल पार्टी ने खुद को बिजनेसमैनों के आगे झुका दिया है। बता दें कि NDP जब तक ट्रुडो सरकार के साथ थी तो अपनी जरूरतों के हिसाब से नीतियां लागू करवाती थी। वहीं किसी भी तरह के बिल पास कराने में NDP सरकार को पूरा सपोर्ट करती थी।

दूसरा मौका पाने लायक नहीं हैं जस्टिन ट्रुडो

NDP के नेता जगमीत सिंह ने कहा- कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने देश की जनता को सिर्फ निराशा दी है। वो किसी सूरत में अब दूसरा मौका पाने के काबिल नहीं हैं। इसलिए हम उनकी पार्टी के साथ हुए करार को रद्द करते हैं। बता दें कि कनाडा की संसद में ट्रुडो की लिबरल पार्टी के पास कुल 130 सीटें हैं। वहीं, सरकार चलाने के लिए उन्हें अभी 9 सीटों की दरकार है। 24 सीटों वाली NDP ने अब तक उन्हें सपोर्ट दे रखा था, लेकिन अब उनकी सरकार अल्पमत में है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए ट्रुडो को क्यूबेक पार्टी से बात करनी होगी, जिसके पास 32 सीटें हैं।

अभी हुए चुनाव तो कंजर्वेटिव पार्टी का पलड़ा भारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ट्रुडो सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती और दोबारा चुनाव कराने पड़े तो अभी कंजर्वेटिव पार्टी का पलड़ा ज्यादा भारी है। मुख्य विपक्षी दल के पास 119 सीटें हैं। कनाडा में हुए तमाम सर्वे कहते हैं कि अगर अभी चुनाव हुए तो कंजर्वेटिव पार्टी निश्चित रूप से बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लेगी। ऐसे में अब जस्टिन ट्रुडो के पास दूसरे दलों को मनाकर फिलहाल चुनाव टालने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है।

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