USCIRF की रिपोर्ट पाकिस्तान में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता दर्शाती है। इसमें अहमदिया समुदाय पर सुनियोजित अत्याचार, हिंदू-ईसाई लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग की निंदा की गई है।
चेनाब नगर: पाकिस्तान में गहरी जड़ें जमा चुकी धार्मिक असहिष्णुता के लिए उसकी दुनिया भर में निंदा हो रही है। यह बात यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) की हालिया कंट्री अपडेट में बताई गई है। रबवाह टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें अहमदिया मुस्लिम समुदाय पर हो रहे सुनियोजित अत्याचार और देश भर में जबरन धर्म परिवर्तन और ईशनिंदा से जुड़ी हिंसा में चिंताजनक बढ़ोतरी की निंदा की गई है।
पाकिस्तान में नर्क बनी अहमदिया लोगों की जिंदगी
रबवाह टाइम्स के अनुसार, पाकिस्तान का कानून खुले तौर पर अहमदिया लोगों के साथ भेदभाव करता है। उन्हें खुद को मुसलमान बताने या सार्वजनिक रूप से अपने धर्म का पालन करने से रोकता है। USCIRF की रिपोर्ट में 2025 में अहमदिया लोगों के खिलाफ हिंसा में एक परेशान करने वाला इजाफा देखा गया, जिसमें फरवरी में 10 दिनों के अंदर पंजाब में 3 अहमदिया मस्जिदों को गिराना भी शामिल है।
अहमदिया को चुन-चुनकर निशाना बना रहे पाकिस्तानी मुसलमान
अप्रैल में 400 से ज़्यादा लोगों की भीड़ ने एक और अहमदिया मस्जिद पर हमला किया और एक अहमदिया कार्यकर्ता लईक चीमा की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने बाद में इस हत्या से जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार किया। मार्च में कराची में, एक अदालत के अंदर 2 अहमदिया पुरुषों पर हमला किया गया, जिसमें से एक, ताहिर महमूद की मौत हो गई। एक और दुखद मामले में, सरगोधा में शेख महमूद नाम के एक अहमदिया व्यक्ति को बार-बार जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद गोली मार दी गई।
अहमदिया लोगों के साथ दोगला व्यवहार करता है पाकिस्तान का कानून
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे पंजाब में अधिकारियों ने अहमदिया लोगों को संपत्ति की नीलामी से बाहर रखा और यहां तक कि एक निजी घर में प्रार्थना करने पर 42 सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। ईद के दौरान, अदालतों ने पुलिस को अहमदिया लोगों को इकट्ठा होने से रोकने का आदेश दिया, जिसके चलते सियालकोट में 22 नमाज़ियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सिंध-पंजाब में जारी है हिंदू लड़कियों का धर्मपरिवर्तन
रबवाह टाइम्स ने बताया- सिंध और पंजाब में हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन जारी है, जिसमें अक्सर अपहरण, ज़बरदस्ती और जबरन शादी शामिल होती है। कानूनी सुधार सिर्फ इस्लामाबाद तक ही सीमित हैं,और रूढ़िवादी धार्मिक निकाय नए कानूनों को "गैर-इस्लामी" बताकर खारिज कर रहे हैं। USCIRF की रिपोर्ट में पाकिस्तान के कड़े ईशनिंदा कानूनों की भी निंदा की गई, जिनके तहत सैकड़ों लोग जेल में बंद हैं। इसमें इन कानूनों को खत्म करने, जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए मज़बूत सुरक्षा की मांग की गई है।
