ये हैं पाकिस्तान के रेगिस्तानी क्षेत्र चोलिस्तान के कबीर पंथी परंपरा के लोकप्रिय लोक संगीतकार आदु राम भगत। बाढ़ ने इन्हीं पूरी जिंदगी तहस-नहस कर दी है। अब आदु राम के सपोर्ट में महिला लोकतांत्रिक मोर्चा(WDF) आगे आया है। पढ़िए पाकिस्तान में बाढ़ के हालात क्या हैं?

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. पाकिस्तान इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। विनाशकारी बाढ़ ने आधे से अधिक पाकिस्तान को डुबा दिया है। भविष्य में खतरा और बढ़ा है। इकोनॉमी प्रभावित होगी, फसलें नष्ट होने से महंगाई बढ़ेगी और बेरोजगारी बढ़ने से अराजकता का माहौल बन सकता है। इस बीच हर फील्ड के लोग अपने-अपने स्तर पर मदद जुटाने आगे आए हैं।

ये हैं पाकिस्तान के रेगिस्तानी क्षेत्र चोलिस्तान के कबीर पंथी परंपरा के लोकप्रिय लोक संगीतकार आदु राम भगत। बाढ़ ने इनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। अब आदु राम के सपोर्ट में महिला लोकतांत्रिक मोर्चा(WDF) भी आगे आया है। बता दें चोलिस्तान को स्थानीय भाषा में रोही भी कहते हैं। यह पाकिस्तानी पंजाब और भारत व सिंध के कुछ पड़ोसी भागों में फैला हुआ एक रेगिस्तान व अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। यह थार रेगिस्तान से जुड़ा हुआ है। यहां हकरा नदी का सूखा हुआ प्राचीन मार्ग है, जिसके किनारे सिन्धु घाटी सभ्यता के बहुत से खंडहर मिलते हैं। 

WDF ने शेयर किया एक वीडियो
WDF ने 5 सितंबर को आदु राम भगत का एक वीडियो tweet किया है। इसमें लिखा गया कि, हम चोलिस्तान के कबीर पंथी परंपरा के लोक संगीतकार आदु राम भगत की मदद के लिए धन जुटा रहे हैं। उनके घर, पशुधन और सभी सामानों को भारी नुकसान हुआ है। फसलें बह गई हैं और गांव के हजारों जानवर मर गए हैं। WDF ने कहा कि आदु राम ने जीवन भर की कड़ी मेहनत के माध्यम से जो थोड़ा सा सामान जुटाया था, उसे खो दिया है। हम इस संकट के समय कलाकार की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। हम आपके दान का उपयोग राहत प्रदान करने और उनके पुनर्वास में मदद करने के लिए करेंगे। कृपया आगे आएं और दान करें। इसमें कहा गया है कि यह जिला रहीम यार खान, हाल के राहत अभियानों में सरायकी वासेब के सबसे उपेक्षित जिलों में से एक है। बाढ़ ने इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित नहीं किया। पिछले कुछ महीनों से लगातार बारिश ने मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।

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एक दशक में ऐसी बाढ़ नहीं देखी
पाकिस्तान में आई एक दशक की सबसे विनाशकारी बाढ़(devastating flood) ने बहुत बुरे हालात पैदा कर दिए हैं। बाढ़ ने 2010 की बाढ़ की तुलना में जीवन, संपत्ति और आजीविका को अधिक नुकसान पहुंचाया है। शुरुआती आकलन ने इस वर्ष भौतिक नुकसान(physical losses) की कुल लागत लगभग 11 बिलियन डॉलर और कुल आर्थिक नुकसान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लगभग 3 प्रतिशत के करीब रखा। 2010 में, भौतिक बुनियादी ढांचे को $9.5-10 बिलियन नुकसान हुआ था। यह GDP का लगभग 2 प्रतिशत था। तब देश की विकास दर 4.5 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले 2.4 प्रतिशत तक गिर गई थी।

वर्ष, 2010 मेंआई बाढ़ में लगभग 20 मिलियन लोग विस्थापित हुए थे। लगभग 50,000 वर्ग किलोमीटर एरिया जलमग्न हो गया था। हालांकि, रुपए में नुकसान का आकलन 2010 में करीब 850 अरब रुपये (10 अरब डॉलर) था, जबकि इस साल यह 2.5 ट्रिलियन रुपये (11 अरब डॉलर) से अधिक है।

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष प्रभावित आबादी की संख्या पहले ही 33 मिलियन से अधिक हो गई है यानी 33,046,329 के करीब। पाकिस्तान भर में 80 से अधिक जिले इस साल अधिक प्रभावित हैं। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अधिकारियों के अनुसार, जुलाई और अगस्त के बीच कुल बारिश सामान्य से लगभग 208 प्रतिशत अधिक रही है। हालांकि, 2010 की तुलना में नदी में जल प्रवाह काफी कम है और रिजरवायर स्टोरेज में सीमित वर्षा के बीच जलाशयों का भंडारण भी कम है।

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