व्हाइट हाउस में ट्रंप ने सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा से मुलाकात की। ट्रंप ने उन्हें परफ्यूम भेंट किया और मज़ाक में उनकी पत्नियों की संख्या पूछी। इस ऐतिहासिक दौरे का उद्देश्य सीरिया का पुनर्निर्माण और अमेरिकी प्रतिबंधों को रोकना है।
'आपकी कितनी पत्नियां हैं?' सीरियाई राष्ट्रपति से डोनाल्ड ट्रंप ने मज़ाक में यह सवाल पूछा। यह बातचीत व्हाइट हाउस में ट्रंप और सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा की मुलाकात के दौरान हुई। सीरिया के एक सुन्नी मुस्लिम परिवार में जन्मे अहमद हुसैन अल-शरा, 2003 में इराक पर हुए हमले से ठीक पहले अल-कायदा में शामिल हो गए थे और तीन साल तक इराकी विद्रोह में लड़े थे। 2006 से 2011 तक, उन्हें अमेरिकी सेना ने पकड़कर जेल में डाल दिया था। अल-शरा का एक इंटरव्यू काफी विवादों में रहा था, जिसमें उन्होंने अल-कायदा के 9/11 हमले को सही ठहराया था।
ट्रंप ने लगाया परफ्यूम
इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने अल-शरा को अपने ब्रांड 'विक्ट्री 45-47' परफ्यूम की दो बोतलें गिफ्ट कीं। ट्रंप सीरियाई राष्ट्रपति पर इसे स्प्रे करना भी नहीं भूले। ट्रंप ने अपने परफ्यूम को सबसे अच्छी खुशबू वाला बताया। इसके बाद, यह कहते हुए कि दूसरी बोतल आपकी पत्नी के लिए है, उन्होंने हंसते हुए अगला सवाल पूछा, 'आपकी कितनी पत्नियां हैं?' इसके जवाब में अल-शरा ने कहा, 'सिर्फ एक'। इस पर ट्रंप का जवाब था, 'आपके मामले में मैं कभी यकीन नहीं कर सकता।'
सीरिया-अमेरिका संबंध
यह घटना सीरियाई राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान वाशिंगटन डीसी में उनके स्वागत समारोह में हुई। सीरिया की आजादी के बाद यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक आवास पर किसी सीरियाई नेता की मेजबानी की है। ट्रंप-अल शरा की मुलाकात का काफी कूटनीतिक महत्व है। दिसंबर 2024 में पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने के बाद, अल-शरा सीरिया का पुनर्निर्माण करने और दूसरे देशों के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दौरे का मुख्य मकसद दोस्ती बढ़ाना है, जिसके तहत अमेरिका द्वारा लगाए गए बड़े प्रतिबंधों को रोकना और राजनयिक चैनलों को फिर से खोलना शामिल है। हालांकि परफ्यूम देने का पल एक मज़ाकिया और दोस्ताना मुलाकात जैसा लग सकता है, लेकिन यह उच्च-स्तरीय बैठकों में कूटनीतिक शैली को लेकर कई सवाल खड़े करता है। ट्रंप और अल-शरा की बातचीत का वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इसने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में औपचारिकता पर एक नई बहस शुरू कर दी है।
