अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि चीन और पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने रूस और उत्तर कोरिया का भी नाम लिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने व्यापार के ज़रिए भारत-पाकिस्तान परमाणु युद्ध को रोका था।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक गंभीर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और चीन परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने ये बातें सीबीएस के '60 मिनट्स' शो को दिए एक इंटरव्यू में कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया भी अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप ने यह खुलासा 33 साल के प्रतिबंध के बाद अमेरिकी सेना को परमाणु हथियार परीक्षण करने के अपने आदेश को सही ठहराते हुए किया। ट्रंप का यह बयान भारत के लिए चिंताजनक है, जो दो मोर्चों पर पाकिस्तान और चीन का सामना कर रहा है।

उन्होंने दावा किया कि ये देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इसे सार्वजनिक नहीं करते। उन्होंने कहा, "चीन और पाकिस्तान पहले से ही गुप्त रूप से विस्फोट कर रहे हैं।" ट्रंप ने कहा, "रूस परीक्षण कर रहा है, चीन भी परीक्षण कर रहा है, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। हम एक खुला समाज हैं। हम अलग हैं। हम इसके बारे में बात करते हैं... उनके पास रिपोर्टर नहीं हैं जो इसके बारे में लिखने जा रहे हैं।" इसके अलावा, ट्रंप ने पाकिस्तान का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया, "निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है। पाकिस्तान परीक्षण कर रहा है।"

इसी इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी कहा कि मई में भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के कगार पर थे, और उन्होंने व्यापार और टैरिफ के जरिए इसे रोका। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो लाखों लोग मारे जाते।

ट्रंप का दावा

सीबीएस इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "भारत, पाकिस्तान के साथ परमाणु युद्ध करने वाला था। अगर डोनाल्ड ट्रंप ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो लाखों लोग मारे जाते। यह एक बुरा युद्ध था। हर जगह विमानों से गोलीबारी हो रही थी। मैंने दोनों देशों से कहा कि अगर आपने इसे नहीं रोका तो आप अमेरिका के साथ कोई बिजनेस नहीं करेंगे।" ट्रंप ने कहा, "जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं, वे आपको इसके बारे में नहीं बताते... वे जमीन के बहुत नीचे परीक्षण करते हैं ताकि लोगों को यह पता न चले कि परीक्षण में वास्तव में क्या हो रहा है। आपको बस एक छोटा सा कंपन महसूस होता है।"

बेहद गुप्त तरीके से भूमिगत परमाणु विस्फोटों के कारण होने वाले भूकंप जैसे झटकों का पता वैश्विक निगरानी केंद्र लगा लेते हैं। हालांकि, ट्रंप का दावा है कि ऐसे परीक्षण गुप्त रूप से किए जा सकते हैं और उनका पता नहीं लगाया जा सकता। अगर चीन और पाकिस्तान वाकई में परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, तो यह भारत के लिए वाकई चिंता का विषय है। वहीं, भारत 'पहले इस्तेमाल नहीं' की नीति का पालन करता है और 1998 के बाद से उसने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है।

वैसे, अब परमाणु हथियारों का परीक्षण करने की ट्रंप की पहल और चीन-पाकिस्तान द्वारा गुप्त रूप से ऐसा करने के उनके दावे, भारत के लिए पोखरण-III परीक्षण करने का एक मौका खोल सकते हैं। इससे भारत को अपने हाइड्रोजन बम की क्षमता को साबित करने और अग्नि-VI इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों या K-5 पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली मिसाइलों के लिए वॉरहेड का आकार कम करने में मदद मिल सकती है।