अमावस्या और शनिवार का संयोग साल में 1 या 2 बार ही बनता है। जब भी ऐसा संयोग बनता है, इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शनि दोष, पितृ दोष तथा अन्य कई दोषों से बचा जा सकता है।
आज (4 दिसंबर, शनिवार) अगहन महीने की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से इसका फल और बढ़ गया है। इसे शनैश्चरी या शनिचरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) कहा जाएगा। शनिवार को अमावस्या तिथि दोपहर करीब 1.15 तक रहेगी।
जन्मकुंडली में शनि देव के विपरीत भाव में होने से जीवन में अनेक प्रकार की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं आती ही रहती हैं। विशेषतः शनि की साढ़ेसाती, ढय्या, महादशा में यह समस्याए अपने चरम बिंदु पर पहुच सकती है।
4 दिसंबर, शनिवार को अगहन मास की अमावस्या है। इस दिन अगहन मास का कृष्ण पक्ष खत्म होगा और 5 तारीख से शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। 3 तारीख की शाम करीब 5 बजे से अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, लेकिन ये पर्व 4 को मनाया जाएगा।
इस बार 4 दिसंबर, शनिवार को अगहन मास की अमावस्या (Amavasya) है। शनिवार को अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) को योग इस दिन बन रहा है। ये साल 2021 की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या है।
6 सितंबर, सोमवार को भाद्रपद मास की अमावस्या है। इसे कुशग्रहणी (Kushagrahani Amavasya 2021) और कुशोत्पाटिनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार पुरातन समय में इस तिथि पर वर्ष भर में किए जाने वाले धर्म-कर्म के लिए कुश यानी एक प्रकार की घास का संग्रह किया जाता था।
आज (8 अगस्त, रविवार) हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2021) है। इस दिन रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का विशेष संयोग बन रहा है। ये पर्व मुख्य रूप से किसानों से संबंधित है। इस दिन किसान अपने पशुओं के साथ-साथ कृषि उपकरणों की भी पूजा करते हैं। साथ ही इस दिन पौधे लगाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों के दोष दूर होते हैं पितृदेव प्रसन्न होते हैं। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
आज (30 मई, सोमवार) ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। इस दिन शनि जयंती के साथ-साथ वट सावित्री का व्रत भी किया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि सोमवार को होने से सोमवती अमावस्या का योग भी बन रहा है।
Shani Amavasya 2022: इस बार 27 अगस्त को भाद्रपद मास की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिन लोगों पर शनि की ढय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव हो, उनके लिए ये तिथि बहुत ही खास रहती है।
Paush Amavasya 2022: 23 दिसंबर को साल 2022 की अंतिम अमावस्या तिथि रहेगी। शुक्रवार को होने से ये तिथि और भी खास हो गई है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। ये दिन पितृ तर्पण के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए भी शुभ रहेगा।