आज (28 जुलाई, गुरुवार) हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि प्रकृति से संबंधित है। इसलिए इस दिन प्रकृति के निकट जाकर उसे समझने का प्रयास करना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं- कृष्ण और शुक्ल। ये दोनों ही 15-15 दिनों के होते हैं। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसे पितरों की तिथि भी कहते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) कहते हैं। इस बार ये अमावस्या 28 जुलाई, गुरुवार को है। इस दिन एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी विशेष बन गया है।
इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि स्नान-दान, पूजा, उपाय, पितृ तर्पण आदि के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है।
Hariyali Amavasya 2022: धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या का योग बन रहा है। इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं। इसे पितरों की तिथि कहा जाता है।
Hariyali Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के देवता पितृ हैं। इसलिए ये तिथि पितृ कर्म जैसे श्राद्ध, तर्पण आदि के लिए बहुत शुभ मानी गई है। इस बार श्रावण मास की अमावस्या 28 जुलाई, गुरुवार को है।
Hariyali Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। ग्रंथों में इसे हरियाली अमावस्या कहा गया है।
आज (28 जून, मंगलवार) आषाढ़ मास की अमावस्या है। इसे हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2022) कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। ये दिन किसानों के लिए उत्सव की तरह होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 28 जून, मंगलवार को है। इस पर्व का किसानों के लिए विशेष महत्व है।
हर महीने में एक बार अमावस्या तिथि आती है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि पर स्नान, दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार आषाढ़ मास में 2 अमावस्या (Ashadh Amavasya 2022) का योग बन रहा है।