अधिकारियों ने बताया कि केंद्र द्वारा पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से यहां 145 दिन तक इंटरनेट सेवा निलंबित थी
देश के कई शहरों में इंटरनेट शटडाउन होने की वजह से COAI परेशान है COAI ने इसके लिए सरकार को खत लिखा है
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई थी। मेरठ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, संभल, फिरोजाबाद, कानपुर और रामपुर में 19 लोगों की जान गई थी।
देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल करना और वह भी बिना किसी कोचिंग के आसान नहीं है। फिर भी ऐसे कैंडिडेट्स की कोई कमी नहीं जो बिना किसी कोचिंग के इस परीक्षा में सफल होकर आईएएस अधिकारी बनने में सफलता हासिल कर लेते हैं।
शहर में हिंसा के बाद से खुफिया विभाग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। पुलिस ने हजरतगंज की तरफ आने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग की है। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो हर तरफ नजर रख रही है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राजस्थान के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में रविवार को जयपुर में शांति पैदल मार्च निकालेंगे। इसके चलते राजधानी को किले में तब्दील कर दिया है। चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। वहीं उत्तर प्रदेश में घायल पुलिसकर्मियों का आंकड़ा 263 पहुंच चुका है। 21 जिलों में सोमवार तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का फैसला किया गया है।
अदालत ने इंटरनेट सेवाएं बंद करने का ठोस कारण सरकार से हलफनामा पर देने को कहा है। अदालत इस मामले में तीन जनवरी को फिर से सुनवाई करेगी।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार के दिन भोपाल में भी मुस्लिम समाज के हजारों लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध लोग जुमे की नमाज अदायगी के बाद राजधानी के इकबाल मैदान में किया जा रहा है। शहर की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
31 जनवरी तक धारा 144 लागू कर दिया गया है। साथ ही पुलिस व जिला प्रशासन ने जुमे की नमाज को लेकर कमर कस ली है। लखनऊ, मऊ, प्रयागराज सहित 12 जिलों में इंटरनेट बंद होने से अव्यवस्था का माहौल है।