पहले ही रूस-यूक्रेन वॉर का असर ग्लोबल इकोनॉमी पर बुरी तरह पड़ा है। इसका प्रभाव अभी तक देखने को मिल रहा है। ऐसे में हर विकासशील देश को इजराइल-हमास युद्ध से सतर्क रहने की जरूरत है।
गाजा पट्टी में हमास द्वारा अभी भी 230 इजरालियों को बंधक बनाकर रखा गया है। बेंजामिन नेतन्याहू सरकार लगातार बंधकों की रिहाई के लिए दबाव बना रही है।
चीन की बड़ी कंपनियों बायडू और अलीबाबा (Baidu and Alibaba) के ऑनलाइन मैप से इजराइल नाम को हटा दिया गया है। चीन के इंटरनेट यूजर्स भी इस बात पर हैरानी जता रहे हैं।
इजराइल-हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीन समर्थित आतंकी संगठन हमास के नेताओं ने 26 अक्टूबर को रूस में एक बैठक में हिस्सा लिया। इस पर इजराइल ने रूस को कड़ा संदेश दिया है। वहीं, रूस ने भी अपनी सफाई पेश की है।
इजराइल पर हमास के हमले के दौरान भारत की दो नर्सों ने ऐसी बहादुरी दिखाई कि अब अरब और इजराइल मीडिया में उनकी खूब चर्चा हो रही है। दोनों ने जिस तरह अपने बुजुर्ग मरीजों बचाया उसकी कहानी कई अखबारों में बताई गई है।
टेक दिग्गज अमेरिकी कंपनी गूगल ने इजरायल और गाजा में गूगल मैप ऐप से लाइव ट्रैफिक कंडीशन फीचर को बंद कर दिया है। जिससे दोनों ही जगहों पर गूगल मैप और वाइज ऐप में लाइव ट्रैफिक की सुविधा नहीं मिल रही है। इस फैसले को कूटनीतिक बताया जा रहा है।
इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच पड़ोसी देश मालदीव (Maldives) ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ बयान दिया है।
इजरायली डिफेंस फोर्सेस को 7 अक्टूबर को इज़राइल में घुसने वाले हमास आतंकी के पास से एक ऐसा नोट मिला है, जिसमें लिखी बातें सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। आईडीएफ ने इस नोट को जारी किया है।
इजराइल पर हमले की साजिश हमास दो साल से कर रहा था लेकिन इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिका को इसकी भनक तक नहीं लगी। अंजाम पूरी दुनिया ने देखा और इजराइल के अंदर 7 अक्टूबर को हमास लड़ाकों ने कत्लेआम मचा दिया।
इजराइल-फिलिस्तीन के बीच चल रही जंग की वजह से कई अरब देश जैसे- मिस्र, सीरिया, सऊदी अरब और अन्य अपनी तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ये सभी देश फिलिस्तीन के समर्थन में हैं। अमेरिका पहलेसे ही इजराइल को हथियारों की मदद देता आ रहा है।