धर्म ग्रंथों के अनुसार, धन लाभ के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों और स्तुतियों की रचना की गई है। उन्हीं में से एक है श्रीसूक्त।
किस व्यक्ति को खुद का घर मिलेगा और किसे नहीं, इस बात का जवाब कुंडली से मिल सकता है। ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखकर मालूम हो सकता है व्यक्ति को भूमि-भवन का सुख मिलेगा या नहीं।
22 मई को ज्येष्ठ महीने की अमावस्या है। पुराणों के अनुसार इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाएगी। इस पर्व के दौरान शनि देव का वक्री होना, उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिन पर साढ़ेसाती या ढय्या चल रही है।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 18 मई, सोमवार को है। एकादशी पर विष्णुजी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं और सोमवार के स्वामी शिवजी हैं और इस दिन का कारक ग्रह चंद्र है।
इस बार 22 मई, शुक्रवार को शनि जयंती है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।
पिछले 4 दिनों में ग्रहों की स्थितियों में बदलाव आया है। ऐसा बहुत देखने में आता है कि 4 दिनों के अंतराल में 4 बड़े ग्रहों की स्थितियों बदल जाएं।
अगर घर में वास्तु से जुड़े दोष होते हैं तो परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है।
11 मई, सोमवार से शनि ग्रह मकर राशि में वक्री हो चुका है। शनि के वक्री होने से कुछ लोगों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं।
किसी भी महिला की जन्म कुंडली देखकर ये मालूम हो सकता है कि उसे संतान का सुख मिल पाएगा या नहीं।
ज्योतिष और तंत्र शास्त्र में धन लाभ के कई उपाय बताए गए हैं। इनमें से कोई 1 उपाय भी यदि सच्चे मन से कर लिया जाए तो धन लाभ की संभावना बन सकती है।