ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य बिना गुरु के शुभ प्रभाव में रहते नहीं किया जा सकता है। जब गुरु अस्त हो तो उस स्थिति में मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि भी नहीं किए जाते हैं। इस बार 22 फरवरी, मंगलवार को गुरु ग्रह अस्त हो जाएगा।
नासा (NASA) के अनुसार मनुष्यों को लाल ग्रह (Red Planet) तक पहुंचने में लगभग 500 दिन लगेंगे। वहीं कनाडा के इंजीनियर्स का कहना है कि इस सफर को सिर्फ 45 दिनों में पूरा किया जा सकता है। इसके लिए वो लेजर तकनीक (Laser Technology) पर काम कर रहे हैं।
मांगलिक कार्यों पर जल्दी ही रोक लगने वाली है। ऐसा गुरु के अस्त होने से और उसके बाद मीन मास शुरू होने के चलते होगा। यानी 20 फरवरी से बंद हुए मांगलिक कार्य इसके बाद 14 अप्रैल से ही शुरू हो सकेंगे।
फरवरी 2022 के अंतिम दिनों में ग्रहों की भारी उथल-पुथल होने वाली है। इसका प्रभाव देश-दुनिया के साथ-साथ सभी राशियों पर भी दिखाई देगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो फरवरी महीने के आखिरी तक बुध और शनि मकर राशि में रहेंगे।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की युति का बड़ा महत्व होता है। दो ग्रह जब एक ही राशि में एक अंश पर आ जाएं तो इसे युति कहा जाता है। कुछ ग्रहों की युति शुभ फल प्रदान करती है तो कुछ अशुभ। ग्रहों की युति का प्रभाव उस दौरान किए गए कामों को भी प्रभावित करता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सौर मंडल में कुल 9 ग्रह हैं। इनमें से सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को सेनापति और बुध को राजकुमार कहा जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार बुध चंद्रदेवता का पुत्र है। अगर कुंडली में बुध से संबंधित कोई दोष हो तो उसे दूर करने के लिए बुधाष्टमी (Budh Ashtami 2022) प्रमुख दिन होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने कई ग्रहों का राशि परिवर्तन, अस्त, उदय, वक्री, मार्गी, दशा, महादशा और ग्रहों की युति होती है। ग्रहों की चाल में बदलाव का असर सभी राशि के लोगों पर व्यापक रूप से पड़ता है।
देश में पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बज चुका है। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं। इन मतदान के बाद परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो साल में 12 अमावस्या आती है, लेकिन कभी-कभी तिथियों की घट-बड़ के कारण इनकी संख्या बढ़ जाती है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
लूनर क्रूजर (Lunar Cruiser) की डिजाइन इस तरह से तैयार की गई है जो ना केवल लोगों को चंद्रमा और मंगल (Moon and Mars) पर ले जाने में सक्षम होगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि आपका प्रवास आरामदायक और पूरी तरह से सुविधाजनक हो, इसके साथ ही टोयोटा नया मुकाम हासिल कर सकता है।