कार इतनी हाइटेक थी कि कार की-लेस थी, यानी इसमें एंट्री के लिए चाबी की कोई जरुरत नहीं होती थी। बताया जाता है कि अगर कार की चाबी 60 सेमी के दायरे में हो तो भी कार कोडिंग से उसके दरवाजे खुल जाते थे और इग्नीशन ऑन हो जाता था। सिक्योरिटी फीचर्स को डी-कोड किए बगैर इसे को स्टार्ट नहीं कर सकता था।