पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ विपक्षी दल कांग्रेस लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है। मध्य प्रदेश में बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने साइकिल मार्च भी किया था। इसके बाद राजधानी भोपाल में लगभग 150 लोगों पर FIR दर्ज की गई है।
डीजल की कीमतों में बुधवार को लगातार 18वें दिन बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पेट्रोल की कीमतें कल के बराबर हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि दिल्ली में डीजल पेट्रोल से महंगा हुआ। दिल्ली में बुधवार को डीजल की कीमतों में 48 पैसे की बढ़ोतरी हुई।
एक तरफ भारत की जनता कोरोना की मार झेल रही है तो दूसरी ओर महंगाई की मार भी पड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लगातार गिर रहीं कच्चे तेल की कीमतों के बावजूद घरेलू बाजार में पेट्रोल- डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
अब जबकि लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, 83 दिन बाद लगातार दूसरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं। इससे आम लोगों की जेब पर बुरा असर पड़ने की आशंका है।
सरकार ने 1 जून से लॉकडाउन 5.0 लागू कर दिया है। इससे तहत कुछ चीजों में राहत दी गई है। देश में रोजाना 200 ट्रेनें को अनुमति मिल गई है। वहीं, कुछ राज्यों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी अनुमति मिल गई है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 71.91 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत है। 2 रुपये महंगा होने के बाद इसकी कीमत 73.91 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। डीजल की कीमत 62.85 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 63.86 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच केंद्र सरकार ने मगंलवार रात पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। जिसके बाद पेट्रोल पर शुल्क 10 रुपये तथा डीजल पर शुल्क 13 रुपये बढ़ गया है। हालांकि इससे आम लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा।
दिल्ली सरकार ने 2 करोड़ दिल्लीवासियों एक और बड़ा झटका दिया है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट को बढ़ा दिया है। जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 1.67 रुपए और डीजल 7.10 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है।
कच्चे तेल की कीमत में सोमवार को इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह अमेरिका में कच्चे तेल का भाव माइनस तक पहुंच गया। अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड का रेट माइनस 37.63 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन (बंद) के कारण यात्राएं व अन्य आर्थिक गतिविधियां रुक गयी हैं। इसके कारण अप्रैल महीने में ईंधन की मांग में 66 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी जा रही है