गुजरात और राजस्थान में तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान बिपरजॉय(Cyclone Biparjoy) बेहद गंभीर चक्रवात से अब केवल दबाव(डिप्रेशन) तक सीमित रह गया है। चक्रवात के असर से उत्तर गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। वहीं, राजस्थान में भी बाढ़ आ गई।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय-Cyclone Biparjoy राजस्थान में प्रवेश कर चुका है। चक्रवात गुजरात के 940 से अधिक गांवों के ऊपर से होकर करीब 12 किमी प्रति घंट की रफ्तार से राजस्थान की तरफ बढ़ गया था।
भारत मौसम विभाग(IMD) और स्काईमेट वेदर के अनुसार, आजकल में राजस्थान, दक्षिण कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। पश्चिमी हिमालय के ऊपरी इलाकों में छिटपुट हिमपात संभव है।
भारत मौसम विभाग(IMD) और प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुताबिक, आजकल में पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। पश्चिमी हिमालय के ऊपरी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है
भारत मौसम विभाग(IMD) के अनुसार, पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों और दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल के आसपास के मध्य भागों में लू की स्थिति बनी रह सकती है।
बंगाल की खाड़ी पर बन रहे चक्रवात को देखते हुए देश के कई राज्यों में फिर आंधी-बारिश की संभावना जताई जा रही है। अभी जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु को छोड़कर कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है।
तमिलनाडु को छोड़कर देश के बाकी राज्यों को लू(heat wave) से फिलहाल राहत मिली है। लेकिन मौसम विभाग ने ज्यादातर राज्यों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसढ़ में ओले भी गिर सकते हैं।
एक तरफ जहां पूरे देश कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में भारी बारिश होने वाली है। मौसम विभाग ने कई जिलों में अलर्ट जारी किया है। बारिश के चलते कई जगह तो तापमान 5 डिग्री से भी नीचे पहुंच सकता है।
बिहार में फिर से मौसम के प्रकोप के आसार बढ़ने लगे हैं। बगहा और नेपाल की तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आ गया है।
बारिश की कैद से आजाद होने के बाद राजस्थान के लोगों ने अभी कुछ ही राहत की सांस ली थी फिर एक बार भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। इस चेतावनी ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि उनकी पकी हुई फसल खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी है।