बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लिया। उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था जिसको तुरंत ही स्वीकृति मिल गई। यह कदम उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए उठाया है।
आपको बता दें कि यह परीक्षा दो बार स्थगित की जा चुकी है। इससे पहले यह बिहार पुलिस दारोगा भर्ती मुख्य परीक्षा 23 अगस्त 2020 को आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना वायरस कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
बीएमपी में रह रहे अन्य सिपाही पहुंचे। दोनों को अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। वहीं, पटना पुलिस के अधिकारी सूचना मिलने के बाद बीएमपी कैम्प पहुंचे हैं। गोली चलने पर बीएमपी कैम्प में अफरा-तफरी मच गई थी।
सुशांत केस में बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा, CBI से पहले मुंबई पुलिस द्वारा सुशांत के घर में जाना एक बड़ा प्रश्न है। मुंबई पुलिस और कुछ राजनेताओं की भूमिका सुशांत सिंह को न्याय दिलाने की नहीं थी। मुंबई पुलिस को CBI का सहयोग करना चाहिए।
सुशांत सिंह राजपूत केस में रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। रिया ने पटना में दायर एफआईआर को मुंबई में ट्रांसफर करने की बात कही थी। बिहार पुलिस ने इस पर लिखित में जवाब दिया। बिहार पुलिस का कहना है कि हमारे एसपी विनय तिवारी जब जांच के लिए मुंबई पहुंचे तो उन्हें क्वारैंटाइन के नाम पर हिरासत में ले लिया गया।
बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने एक दिन पहले ही सख्त होते हुए कहा था कि 'हम लोग तो छोटे से छोटे अदालत का आदेश मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने की हमारी औकात नहीं है। एक सीजेएम के आदेश को भी मानते हैं। न्यायालय की एक गरीमा है। अगर वो गरीमा समाप्त हो जाएगी तो लोकतंत्र बचेगा नहीं। सर्वोच्च न्यायालय में पूरे देश की आस्था है और आप उसकी बात को नहीं मानते हैं।'
जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने कहा कि जब किसी हाई प्रोफाइल केस में किसी की मौत होती है, वो भी खासकर फिल्म जगत में तो हर किसी का अपना एक अलग नजरिया होता है। सुशांत टैलेंटेड कलाकार थे और उनकी मौत काफी अलग परिस्थितियों में हुई है।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत के मामले की जांच फाइनेंशियल एंगल से नहीं की। उनका कहना है कि पिछले चार साल में उनके खाते से 50 करोड़ रुपए निकाले गए। 15 करोड़ रुपए तो पिछले एक साल में निकाले गए। मीडिया से चर्चा करते हुए में उन्होंने कहा- चार साल में सुशांत के खाते में लगभग 50 करोड़ रुपए क्रेडिट हुए थे। पिछले एक साल में उनके खाते में 17 करोड़ रुपए जमा हुए, जिसमें से 15 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। क्या इस मामले की जांच नहीं होनी चाहिए? मुंबई पुलिस से पूछेंगे कि ये मामला क्यों छोड़ा गया?
सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई पुलिस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया कि अब तक इस मामले में 56 लोगों से पूछताछ हुई है, इनमें रिया चक्रवर्ती भी शामिल हैं। अभी तक जांच में किसी राजनेता का नाम सामने नहीं आया है।
मुंबई पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में एसपी सिटी पटना विनय तिवारी ने कहा था कि हमारी टीम मुंबई में अच्छा काम कर रही है। पिछले एक हफ्तों से बयान दर्ज किए जा रहे हैं। बयानों के विश्लेषण के बाद ही नतीजे पर पहुंचेंगे। हालांकि अभी हमें सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है।