गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हर साल बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के साथ होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के प्रभावी होने के कारण गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
चक्रवाती तूफान के लैंड में प्रवेश करने के असर से कई तटीय क्षेत्रों में आंधी और तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश देखी जा रही है। सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों के लिए यहां 16,000 पुलिस कर्मियों और 1,500 होमगार्डों को तैनात किया गया है।
चक्रवात मैंडूस (Cyclone Mandous) के चलते चेन्नई में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। चेन्नई एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं हैं। उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
चक्रवाती तूफान मैंडूस के कमजोर पड़ने से बड़ा संकट टल गया है। यानी मैंडूस कमजोर होकर उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और पुडुचेरी तथा श्रीहरिकोटा के बीच दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट को आज की मध्यरात्रि से 10 दिसंबर के शुरुआती घंटों में पार करेगा।
दक्षिण भारत में एक बार फिर आफत की बारिश का खतरा मंडरा रहा है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र(low pressure area) अब गहरे दबाव में बदल गया है। यह चक्रवाती तूफान मैंडूस में बदलते ही तमिलनाडु तथा पुडुचेरी में मध्यम से भारी बारिश ला सकता है।
कश्मीर में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। इसका असर देश के कई राज्यों पर दिखाई देगा। इस बीच तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी के बाद प्रदेश के कुछ हिस्सों में NDRF की 6 टीमें तैनात की गई है।
नवंबर गुजरने को है, लेकिन लगता है जैसे बारिश का सीजन जाने का नाम ही नहीं ले रहा है। तमिलनाडु के रानीपेट में बुधवार(23 नवंबर) को भारी बारिश की चेतावनी के बाद स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित करनी पड़ी है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तमिलनाडु में फिर से भारी बारिश का एक और दौर आने वाला है।
भारतीय मौसम विभाग(IMD) ने भविष्यवाणी की है कि आजकल में तटीय तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर मध्यम से भारी बारिश हो सकती है और कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। आंतरिक तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
IMD के अनुसार, 25 अक्टूबर तक बांग्लादेश के तट, ओडिशा को पार करते हुए निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 22 अक्टूबर के आसपास पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवसाद के रूप में विकसित होने की संभावना है। 23 अक्टूबर तक इसके गहरे दबाव में बदलने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने के साथ, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। हालांकि अभी भी कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।