जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। इसे उत्तरायण भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन से देवताओं का दिन शुरू होता है।
8 जनवरी, बुधवार की रात लगभग 2 बजे शुक्र ग्रह ने राशि बदली है। शुक्र ने मकर से कुंभ राशि में प्रवेश किया है।
15 जनवरी से सूर्य उत्तरायण हो जाएगा। यानी इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाएगा।
15 दिसंबर, शुक्रवार से शुक्र ग्रह राशि बदल चुका है। ये ग्रह धनु से मकर में प्रवेश करेगा। इस राशि का स्वामी शनि है।
9 जुलाई (मंगलवार) को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। मंगलवार और हस्त नक्षत्र के योग से सौम्य नाम का शुभ योग बन रहा है।
टैरो एक रहस्यमय संसार है जो इंसान के भविष्य के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करता है। ये कहना है इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वस्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम का।
आज (13 मई, शुक्रवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि शाम 5.29 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुक्र प्रदोष का व्रत किया जाएगा। शुक्रवार को सूर्योदय नक्षत्र नक्षत्र में होगा, जो शाम 4.24 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
13 अप्रैल, बुधवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन मघा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.37 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दिन भर रहेगा। बुधवार को पहले मघा नक्षत्र होने चर और उसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वस्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम के अनुसार, टैरो कार्ड एक ऐसी विधा है जो हमारी मनोस्थिति को मजबूत करता है। जिसका सीधा असर हमारे निर्णय लेने की क्षमता पर पड़ता है और हम सुनहरे भविष्य निर्माण कर पाते हैं।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वास्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम के अनुसार, टैरो में कुल 78 कार्ड्स होते हैं, इन कार्ड्स को डेक कहा जाता है। कार्ड्स को मेजर आर्काना और माइनर आर्काना में बांटा गया है।