शुक्रवार को अश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम का अशुभ योग बन रहा है। शुक्रवार की रात को लगभग 8.45 पर चंद्रमा राशि बदलकर कर्क से सिंह में प्रवेश करेगा।
29 मार्च, रविवार से गुरु ग्रह राशि बदल चुका है। पहले ये ग्रह धनु राशि में था, अब ये ग्रह राशि परिवर्तन कर मकर राशि में आ चुका है।
29 मार्च, रविवार को देवगुरु बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश करेंगे। गुरु का ये राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों के लिए खास रहने वाला है। मकर राशि में गुरु नीच का रहता है।
इस बार 25 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी। इसी दिन घट स्थापना होगी और हिंदू नववर्ष आरंभ होगा। इस बार चैत्र नवरात्रि में एक विशेष संयोग बन रहा है।
गुरुवार को चित्रा नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग बन रहा है। इस दिन सुबह लगभग 10 बजे चंद्रमा राशि बदलकर कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा।
शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन उत्तराषाढ़ा आनंद नाम का शुभ और उसके बाद श्रवण नक्षत्र के योग से ध्रूम नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि और शश नाम का राज योग भी बन रहा है।
1 जनवरी को शनि, सूर्य के पास 15 डिग्री पर आने से अस्त हो गया था, जिससे 12 राशियों पर शनि का पूरा प्रभाव नहीं पड़ रहा था।
इस बार 25 जनवरी, शनिवार से माघ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। धर्म ग्रंथों के एक साल में 4 नवरात्रि होती है। ये चारों नवरात्रि ऋतुओं के संधिकाल में आती हैं। इनमें से माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त होती है।
24 जनवरी, शुक्रवार से शनि राशि परिवर्तन कर मकर राशि में आ चुके हैं। इस राशि में पहले से ही सूर्य स्थित है। मकर शनि के स्वामित्व वाली राशि है।
जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।