आज (10 जुलाई, रविवार) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय विशाखा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.55 तक रहेगा, इसके बाद अनुराधा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
टैरो एक रहस्यमय संसार है जो इंसान के भविष्य के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करता है। ये कहना है इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वस्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम का।
आज (13 मई, शुक्रवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि शाम 5.29 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुक्र प्रदोष का व्रत किया जाएगा। शुक्रवार को सूर्योदय नक्षत्र नक्षत्र में होगा, जो शाम 4.24 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
13 अप्रैल, बुधवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन मघा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.37 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दिन भर रहेगा। बुधवार को पहले मघा नक्षत्र होने चर और उसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
टैरो कार्ड एक रहस्यमयी विधा है। इसके माध्यम से जटिल भविष्यवाणी भी बताई जा सकती है। बहुत से लोग टैरो को महज कार्ड मानते हैं और इसे भाग्य बताने की सबसे नई तकनीक कहते हैं, लेकिन आम धारणा के विपरित यह एक गहन और जटिल विषय है।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वस्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम का कहना है कि ताश के पत्तों की तरह दिखने वाले इन टैरो कार्ड के ऊपर कुछ रहस्यमय प्रतीकात्मक चिह्न बने होते हैं।
27 मार्च, रविवार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन दशा माता की पूजा की जाएगी। 27 मार्च, रविवार को सूर्योदय उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर लगभग 1.30 तक रहेगा। इसके बाद श्रवण नक्षत्र रात अंत रहेगा।
23 दिसंबर, गुरुवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन सूर्योदय अश्लेषा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। गुरुवार को अश्लेषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। गुरुवार की रात को चंद्रमा राशि बदलकर कर्क से सिंह में प्रवेश करेगा।
30 मार्च, बुधवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 1.19 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। बुधवार को सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.48 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।