1989 से 1991 तक दोबारा मुख्यमंत्री रहे पवार का नाम राजीव गांधी की हत्या के बाद बनी कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए चला तो, लेकिन बाजी हाथ रही दक्षिण के ब्राह्मण कुल में जन्मे पीवी नरसिम्हा राव के। यहां भी पवार समर्थकों के भीतर एक सहानुभूति लहर चली। उन दिनों केंद्र की राजनीति में बुला लिए गए पवार को फिर से 1993 में राज्य का मुखिया बनाया गया।