प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 17 मार्च, बुधवार को है।
भगवान श्रीगणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य कहा गया है यानी किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपतिजी की ही पूजा की जाती है। वेद-पुराणों में गणेशजी के विभिन्न स्तोत्र, मंत्र आदि का वर्णन मिलता है, श्रीगणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र भी इन्हीं में से एक है।
महीने में 2 बार चतुर्थी व्रत किया जाता है। कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकटा और शुक्लपक्ष वाली को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस बार माघ महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी 15 फरवरी को आ रही है।
भगवान श्रीगणेश सभी दुखों को दूर करने वाले हैं। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। श्रीगणेश की उपासना के लिए अनेक मंत्र और स्तुतियों की रचना की गई हैं। उन्हीं में से एक है गणेश द्वादश नाम स्तोत्र।
दिवाली की पूजा में मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही श्रीगणेश और देवी सरस्वती की। अधिकांश तस्वीरों में देवी लक्ष्मी के साथ भगवान श्रीगणेश और देवी सरस्वती भी दिखाई देती हैं। इसके पीछे लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े कई खास सूत्र छिपे हैं ।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 4 नवंबर, बुधवार को है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रीगणेश के अनेक रूपों की आराधना भी विशेष कार्य सिद्धियों के लिए की जाती है।
4 नवंबर, बुधवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व में मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश व चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान श्रीगणेश अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 5 अक्टूबर, सोमवार को है। अधिक मास होने की वजह से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार विनायकी चतुर्थी व्रत 20 सितंबर, रविवार को है।
श्रीगणेश बुद्धि के देवता हैं, इसीलिए श्रीगणेश प्रथम पूज्य है यानी हर शुभ कार्य में गणेशजी की पूजा सबसे पहले की जाती है।