कोरोना की तीसरी लहर(third wave of corona) के खतरे के बीच गणेशोत्सव के साथ त्यौहारों का 'श्रीगणेश' होने जा रहा है। इसे लेकर विभिन्न राज्यों के सामने एक बड़ी चुनौती है। केरल में एक दिन में 30 हजार केस मिले हैं। मुंबईवालों को अगले 15 दिन अलर्ट रहने को कहा है।
इस बार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) का पर्व 10 सितंबर, शुक्रवार को है। इस दिन घर-घर में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है। 10 दिनों तक रोज शुभ फलों की कामना से इनकी पूजा की जाती है।
पश्चिम बंगाल की Bhawanipur विधानसभा सीट के लिए 30 सितंबर को होने जा जा रहे by-elections के लिए ममता बनर्जी आज से अपने चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगी।
अगस्त से अमृत महोत्सव की शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री ने इसे भारत के विकास के लिए शुभ संकेत बताया है। उन्होंने वैक्सीनेशन, इकोनॉमी और ओलंपिक का जिक्र किया।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले स्वास्तिक का चिह्न अवश्य बनाया जाता है। स्वास्तिक को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी शुभता के देवता है और प्रथम पूजनीय हैं इसलिए भी हर कार्य से पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाना आवश्यक रूप से बनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार यह व्रत 27 जून, रविवार को है।
हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित है। इसी तरह बुधवार भगवान गणेश की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। प्रत्येक शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का पूजन अनिवार्य होता है।
इस बार 14 जून, सोमवार को पुष्य नक्षत्र शाम 6.23 तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र सोमवार को होने से ये सोम पुष्य कहलाएगा। इसी दिन विनायकी चतुर्थी भी है। सोमवार को पुष्य नक्षत्र और विनायकी चतुर्थी होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
21 अप्रैल, बुधवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इसी दिन राम नवमी भी मनाई जाती है। त्रेता युग में इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में राजा दशरथ के यहां जन्म लिया था।
आज (16 अप्रैल, शुक्रवार) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं।