वैसे तो हमारे देश में भगवान श्रीगणेश के अनेक मंदिर हैं, लेकिन उन सभी में तमिलनाडु के तिलतर्पण पुरी की विशेषता सबसे अलग है।
विघ्नहर्ता गौरीपुत्र श्रीगणेश की आराधना से श्रद्धालु को सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। गणेशजी अपने भक्तों पर विशेष कृपा हमेशा बनाए रखते हैं। किसी भी शुभ काम का शुभारंभ श्रीगणेश के पूजन के बाद ही होता है।
आंध्रप्रदेश में चित्तुर जिले के इरला मंडल नाम की जगह पर गणेश जी का मंदिर है। इस मंदिर को पानी के देवता का मंदिर भी कहा जाता है।
इस बार 22 अगस्त, शनिवार को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और अगले 10 दिनों तक अलग-अलग भोग लगाकर श्रीगणेश को प्रसन्न किया जाएगा। मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश को लड्डू और मोदक का भोग लगाने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
इस बार 22 शनिवार, को गणेश चतुर्थी है। इस दिन घर-घर में विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की स्थापना होती है।
24 जून, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 8 जून, सोमवार को है।
26 मई, मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। मंगलवार को चतुर्थी होने से इस बार अंगारक चतुर्थी का योग बन रहा है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 10 मई, रविवार को है।
वास्तु शास्त्र में घर की सभी वस्तुओं से जुड़े नियम बताए गए हैं। अगर इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो घर के कई वास्तु दोष दूर हो सकते हैं।