प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 27 अप्रैल, सोमवार को है।
आज (11 अप्रैल, शनिवार) वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और शाम को भगवान श्रीगणेश की पूजा करने के बाद ही भोजन करती हैं। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है।
11 अप्रैल, शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन घर-घर में भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को व्रत व पूजा की जाती है। इन सभी चतुर्थी में वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 12 मार्च, गुरुवार को है।
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 27 फरवरी, गुरुवार को है।
हिंदू धर्म में स्वस्तिक को बहुत ही पवित्र चिह्न माना गया है। इसे भगवान श्रीगणेश का स्वरूप भी माना जाता है। इसलिए हर शुभ काम से पहले स्वस्तिक बनाया जाता है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 12 फरवरी, बुधवार को है।
28 जनवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। मंगलवार को चतुर्थी होने से इस बार अंगारक चतुर्थी का योग बन रहा है।
कुछ ज्योतिषीय उपायों में वनस्पतियों जैसे- पौधों की जड़, टहनी व लकड़ी आदि का भी प्रयोग किया जाता है।