14 मई, शुक्रवार को सूर्य अपनी उच्च राशि से निकलकर वृष राशि में आ जाएगा। इस दिन वृष संक्रांति मनाई जाती है। संक्रांति पर्व पर स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहते हैं। इस बार सूर्य 14 मार्च, रविवार को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे मीन संक्रांति कहेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह साल का आखिरी महीना होता है।
12 फरवरी, शुक्रवार को सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। इस दिन कुंभ संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। संक्रांति पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ-स्नान और फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
हमारे देश में अनेक पर्व मनाए जाते हैं। इन सभी पर्वों से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं। इन सभी परंपराओं के पीछे कोई न कोई धार्मिक, वैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक पक्ष अवश्य होता है। ऐसा ही एक त्योहार है मकर संक्रांति। इस पर्व में पतंग उड़ाने की परंपरा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार साल में 12 संक्रांति होती है यानी हर महीने में एक, लेकिन इन सभी में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।
14 जनवरी, गुरुवार को सूर्य के मकर राशि में आने से मकर सक्रांति पर्व मनाया जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन सूर्य सुबह करीब 8:20 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।
17 अक्टूबर, शनिवार को सूर्य राशि बदलकर कन्या से तुला में प्रवेश करेगा। इसे तुला संक्रांति कहते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरी से दक्षिणी गोलार्द्ध में चला जाता है।
17 सितंबर, गुरुवार को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का शुभ योग बन रहा है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार इस बार 38 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब पितृ अमावस्या पर ही सूर्य राशि बदलकर कन्या में आ रहा है।
17 अगस्त, सोमवार को सिंह संक्रांति है। इस दिन सूर्य कर्क से सिंह राशि में प्रवेश करेगा। हिन्दी पंचांग के अनुसार एक वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं। सूर्य जब राशि बदलता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है।
हिंदू कैलेंडर में सौर वर्ष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। पुराणों में इस दिन को पर्व कहा गया है।