बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि एक बार की असफलता से हताश हो कर कोशिश करना छोड़ देते हैं, वहीं जो लोग असफलता मिलने के बाद भी बार-बार प्रयास करते हैं, एक दिन जरूर सफलता उनके कदम चूमती है। ऐसी ही कहानी है इस आईएएस टॉपर की।
अब ग्रामीण पृष्ठभूमि से आए कैंडिडेट्स भी सिविल सर्विस में सफलता हासिल कर उदारहण पेश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की सुरभि को सिविल सर्विस एग्जाम में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हुई।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की सिविल सर्विस परीक्षा में पीयूष सालुंखे ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की और साल 2018 में 63वीं रैंक हासिल की। जानते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में।
भगवान श्रीगणेश के विभिन्न स्वरूप समस्त दिशाओं में हमारी रक्षा करते हैं। अगर आप वास्तु देवता को प्रसन्न करना चाहते है तो गणेश जी की पूजा अत्यंत शुभ फल देती है।
साल 2008 में झारखंड की अवनिका की शादी जयपुर में हुई थी। लेकिन शादी के बाद उनके ससुराल वाले उनको दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। आए-दिन पति मारपीट तक करने लगा। लेकिन वह सब चुपचाप सहन करती रहीं और किसी से कुछ नहीं कहा।
आज ऐसे कैंडिडेट्स की कमी नहीं जो यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर लेते हैं और वह भी बिना कोई कोचिंग लिए। डॉक्टर अर्तिका शुक्ला ने भी पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता हासिल कर युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं।
एक रिसर्च से पता चला है कि अगर पार्टनर्स के बीच रिलेशन अच्छे हों तो इससे करियर में सफलता मिलती है। वहीं, अगर संबंधों में तनाव के साथ अलगाव का डर बना रहता है तो इससे करियर पर बुरा असर पड़ता है।
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हृदय रेखा किसी व्यक्ति के हाथों में बृहस्पति पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे) से प्रारंभ होती है।
‘खलीज टाइम्स’ की एक खबर की अनुसार कुसुम भार्गव (86) और ईश्वरी अम्मा (78) ने शुक्रवार को ‘दुबई रन’ में हिस्सा लिया। कुसुम भार्गव (86) ‘दुबई रन’ में हिस्सा लेने वाली सबसे बुजुर्ग प्रतियोगी थीं।
करियर में सफलता कई बातों पर निर्भर करती है। हो सकता है काफी इंटेलिजेंट होते हुए भी आप वह मुकाम हासिल न कर सकें, जिसके लिए आप पूरी तरह योग्य हों। सफलता के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।