भगवान शिव व विष्णु एक-दूसरे के पूरक हैं। धर्म ग्रंथों में जहां भगवान विष्णु को सृष्टि का पालक बताया गया है, वहीं भगवान शिव को संहारक कहा गया है,लेकिन लिंग पुराण के एक प्रसंग में इन दोनों देवों के अवतारों के युद्ध का वर्णन भी मिलता है।
13 अगस्त को सावन का अंतिम मंगलवार, इस दिन हनुमान चालीसा की चौपाइयों के जाप से कई समस्याओं का समाधान मिल सकता है।
पाकिस्तान का कटसराज शिव मंदिर वहां मौजूद कई हिंदू मंदिरों में से 1 हैं। इससे जुड़ी कई मान्यताएं इसे हिंदुओं की आस्था का मुख्य केंद्र बनाती है।
भगवान शिव ने भी जनकल्याण के लिए अनेक अवतार लिए हैं जिनमें से 1 हैं दुर्वासा मुनि जो बहुत क्रोधी थे। भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण की मृत्यु के कारण भी दुर्वासा ऋषि ही थे।
शिवजी की कई बातें उन्हें अन्य देवताओं से अलग बनाती हैं, इन बातों में लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र छिपे हैं।
12 अगस्त को सावन का आखरी सोमवार है। इस दिन प्रदोष (त्रयोदशी तिथि) का खास योग बन रहा है जिसमें शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय करने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
सावन में हमेशा से ही भोजपुरी गानों की अलग ही पहचान होती है। लोग भोलेनाथ के गीतों को खूब पसंद करते हैं।
अलग-अलग धातुओं में पारद शिवलिंग का विशेष महत्व है जिसकी पूजा से भक्तों की इच्छाएं जल्दी पूरी होती हैं।
शिवपुराण में शिव-पार्वती के विवाह प्रसंग में पतिव्रता स्त्रियों के लिए कई जरूरी नियम बताए हैं।
श्रावण मास में भगवान शिव के अलग-अलग अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है। बहुत कम लोग शिव के इन अवतारों को जानते हैं।