द्रौपदी महाभारत के सबसे अहम पात्रों में से एक थी। द्रौपदी को स्वयंवर में अर्जुन ने अपने पराक्रम से प्राप्त किया था फिर भी वह पांचों भाइयों (पांडवों) की पत्नी बनी। इसका कारण द्रौपदी के पिछले जन्म में शंकर भगवान द्वारा दिया गया वरदान था।
इन दिनों सावन का पवित्र महीना चल रहा है। इस महीने में शिव पूजा का विशेष महत्व है। शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव की अलग-अलग फूलों से पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी हो सकती है।
सावन में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं। मान्यता है सावन में अगर शिवजी को प्रसन्न करने के उपाय पूरी श्रद्धा से किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
भगवान विष्णु को हर चित्र व मूर्ति में सुदर्शन चक्र धारण किए दिखाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं यह चक्र भगवान विष्णु को किसने और क्यों दिया था। इससे संबंधित कथा का वर्णन शिवपुराण की कोटिरुद्र संहिता में मिलता है-
सावन माह के अंतिम 15 दिनों में यानी 20 जुलाई से 3 अगस्त तक कई बड़े पर्व आ रहे हैं, इन त्योहारों पर ज्योतिष के दुर्लभ योग भी बनेंगे। साथ ही, इनमें 7 दिन कई शुभ मुहूर्त भी हैं। इन मुहूर्त में किसी भी शुभ काम की शुरुआत की जा सकती है।
श्रावण मास में शिवजी की पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। अधिकांश शिव भक्त इस महीने में जल, दूध आदि चीजों से शिवजी का अभिषेक करते हैं।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों की रचना की गई है, लेकिन कुछ मंत्र ऐसे हैं, जिनके जाप से महादेव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की हर इच्छा पूरी करते हैं।
इस बार 20 जुलाई, सोमवार को श्रावण मास की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस तिथि का हिंदू धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है।
इन दिनों सावन का पवित्र महीना चल रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की भक्ति करने से समस्याओं का समाधान हो जाता है।
6 जुलाई, सोमवार से सावन माह शुरू चुका है, जो 3 अगस्त तक रहेगा। इस साल सावन में ग्रहों का विशेष योग बन रहा है।