दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर जहां एक तरफ बधाई दी है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सिंधिया का नाम लिए बिना ही इशारों-इशारों में उनपर निशाना साधा है।
भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। सिंधिया ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने मध्यप्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही सिंधिया ने मोदी, शाह और नड्डा की तारीफ भी की।
गुना से चार बार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के बाद वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया को दरकिनार करने की बात गलत है। पिछले 16 महीने में उनसे पूछ बिना कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
मध्यप्रदेश में हुए बड़े उलटफेर के बाद भाजपा ने अपने विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम में शिफ्ट कर दिया है। बताया जा रहा कि कमलनाथ के दावे के बाद बीजेपी ने यह कदम उठाया है। वहीं, कयास लगाया जा रहा कि सिंधिया आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।
भाजपा के सभी शीर्ष नेता पार्टी के हेडक्वार्टर पहुंच चुके हैं। जल्द ही ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी जगह पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा सांसद भी बना सकती है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से मध्यप्रदेश की कमलनाथ संकट में आ गई है। सिंधिया के इस कदम ने 1967 की याद दिला दी। जब सिंधिया की दादी राजमाता विजयराजे ने कांग्रेस की सरकार एक झटके में गिरा दी थी।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। वो लंबे समय से पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सिंधिया ने अब तक कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है, पर जल्द ही वो भाजपा का हिस्सा बन सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से उठे सियासी बवंडर के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं द्वारा अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देश हित में यह कदम उठाया।
गहलोत ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रीय संकट के समय भाजपा के साथ हाथ मिलाना एक नेता की खुद की राजनीतिक आकांक्षा को दिखाता है।